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काशी हिंदू विश्वविद्यालय : डॉट, एवरी मार्क मैटर्स छापा कला प्रदर्शनी में दिखी आधुनिक प्रयोगों की विविध तकनीक

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वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दृश्य कला संकाय के अंतर्गत चित्रकला विभाग के सहायक आचार्य डॉ. महेश सिंह द्वारा अहिवासी गैलरी में प्रिंट मेकिंग की डॉट, एवरी मार्क मैटर्स प्रदर्शनी क्यूरेट की गई है। इस भव्य प्रदर्शनी में संकाय के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया है। प्रदर्शनी का उद्घाटन देश की प्रख्यात कला विभूतियों कला दीर्घा अंतरराष्ट्रीय दृश्य कला पत्रिका के संपादक डॉ. अवधेश मिश्र, नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट, नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक अद्वैत गणनायक, हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व संकाय प्रमुख, दृश्य कला संकाय प्रो. हर्षवर्धन शर्मा एवं कला दीर्घा अंतर्राष्ट्रीय दृश्य कला पत्रिका की सह संपादक डॉ. लीना मिश्र द्वारा किया गया। इस अवसर पर दृश्य कला संकाय काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संकाय प्रमुख प्रो. दीप्ति प्रकाश मोहंती,  प्रो. हीरालाल प्रजापति और कला संकाय के आचार्य प्रदोष मिश्र के साथ ही सहायक आचार्य सुरेश के नायर, ब्रह्म स्वरूप एवं शांति स्वरूप सिन्हा उपस्थित थे। प्रदर्शनी में प्रिंट मेकिंग की जटिल प्रक्रिया के सरलतम और आकर्षक विभिन्न रूपों को प्रस...

पारंपरिक मूल्यों के साथ सकारात्मक जीवन शैली सिखाता है आर्य वीर वीरांगना शिविर : मनमोहन तिवारी

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विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ाता है प्रशिक्षण शिविर : संजय श्रीहर्ष डीएवी कॉलेज में मना आर्य वीरांगना प्रशिक्षण शिविर समापन समारोह  छात्र और छात्राओं द्वारा योग, पी टी, कराटे, ढाल और तलवार का किया गया प्रदर्शन लखनऊ। डीएवी कॉलेज में आज आर्य वीर वीरांगना प्रशिक्षण शिविर समापन समारोह का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संजय श्रीहर्ष, संगठन सचिव, अखिल  भारतीय इतिहास संकलन योजना नई दिल्ली, विशिष्ट अतिथि स्वामी वेदामृतानंद, प्रधान, जिला आर्य समाज, लखनऊ, कृष्णानंद, मंत्री, जिला आर्य समाज, लखनऊ थे। इस समारोह के स्वागताध्यक्ष डीएवी इंटर कॉलेज और बालिका विद्यालय इंटर कॉलेज के प्रबंधक मनमोहन तिवारी थे। इस कार्यक्रम में केके पांडेय, पूर्व प्राचार्य डीएवी कॉलेज, डॉ. सत्यकाम आर्य, सुश्री सुधा शर्मा, सहप्रबंधक, बालिका विद्यालय इंटर कॉलेज, प्रो. उषा वाजपेई, कार्यक्रम की संयोजक इंजीनियर श्रीमती कांति कुमार, प्रो. राजीव कुमार त्रिपाठी, प्राचार्य डीएवी कॉलेज, प्रो. संजय तिवारी, उप प्राचार्य डीएवी कॉलेज, राम उजागिर शुक्ला, प्रबंधक एवं प्राचार्य, दयानंद इंटर कॉलेज, इंदिरा नगर, डॉ. लीना म...

लोकसंवेदनाओं से सिक्त कलाएं लोकाश्रय से पनपती हैं : आचार्य शिशिर कुमार पांडेय

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लखनऊ। कला दीर्घा अंतर्देशीय दृश्य कला पत्रिका एवं कला स्रोत कला वीथिका, अलीगंज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित वत्सल अखिल भारतीय चित्रकला प्रदर्शनी का आज शाम पांच बजे समापन हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि आचार्य शिशिर कुमार पांडेय, कुलपति, जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट थे। मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कलादीर्घा के संपादक डॉ. अवधेश मिश्र ने अभिनंदन पत्र, कला दीर्घा पत्रिका, अंग वस्त्र, बाल वृक्ष, वत्सल प्रदर्शनी का कैटलॉग, अपनी कलाकृतियों पर आधारित वार्षिक पंचांग, पहला दस्तावेज पुस्तक और डॉ. सपना नीरज द्वारा लिखित अवधेश मिश्र : सांस्कृतिक संवेदनाओं का चितेरा पुस्तक प्रदान की।  आचार्य शिशिर कुमार पांडेय ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर कहा कि खुशी की बात है कि समस्त चित्रों में लोक संवेदनाएं दर्शनीय हैं और लोक की छोटी-छोटी गतिविधियां जो वहां की संस्कृति की आत्मा होती हैं, वह प्रकारांतर से इन चित्रों में दिख रही हैं। कला दीर्घा पत्रिका को देखकर उन्होंने कहा कि आज भले ही यह छोटी घटना हो सकती है लेकिन यह पत्रिका समय के इतिहास को अपने में समेटे हुए है, जिसका प्रभाव द...

आईबीडी जागरूकता दिवसः उचित निदान के अभाव में जानलेवा हो सकता है यह रोग

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अजमेर।  इन्फ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज (आईबीडी) पेट और आंत की एक स्वप्रतिरक्षी (ऑटोइम्यून) बीमारी है, जिससे भारत के लाखों लोग प्रभावित हैं लेकिन पेट और आपके अन्य रोगों से मिलते जुलते लक्षणों के कारण इसकी पहचान आसानी से नहीं हो पाती है। आईबीडी न केवल रोगी के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है वरन लापरवाही से कैंसर जैसे गंभीर रोग का कारण भी बन सकती है। 19 मई को 'आईबीडी जागरूकता दिवस' के अवसर पर क्षेत्रपाल हॉस्पिटल मल्टी स्पेशियल्टी एंड रिसर्च सेंटर के गेस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. आकाश माथुर ने बताया कि आईबीडी जैसी ऑटोइम्यून बीमारी में व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) अति सक्रिय हो जाता है, जिससे यह खुद के ही शरीर के ऊतकों (टिशूज) पर हमला करती है और उन्हें नुकसान पहुँचाती है। इस रोग के कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं परंतु यह माना जाता है कि आनुवंशिक, पर्यावरणीय और दोषपूर्ण जीवन शैली के परिणामस्वरूप ऑटोइम्यून प्रक्रिया होती है जो आंत और उसके ऊतकों (टिशूज) को चोटिल करती है। कुछ अध्ययन भारतीय जीवनशैली के पश्चिमीकरण, वसा और कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार के बढ़ते ...

वीरांगना शिविर छात्राओं को अपनी संस्कृति से जोड़ेगा : प्रो. राजीव त्रिपाठी

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आर्य वीर वीरांगना शिविर छात्राओं में आत्मविश्वास पैदा करेगा : प्रो. संजय तिवारी बालिका विद्यालय में आयोजित आर्य वीर वीरांगना प्रशिक्षण शिविर का समापन  लखनऊ। जहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कलात्मक, वैज्ञानिक, सांस्कृतिक, पारिवारिक और सामाजिक मूल्य और स्वास्थ्य संरक्षण और संवर्धन पर विशेष जोर दिया गया है, वहीं आर्य समाज और बालिका विद्यालय अपनी छात्राओं को सदैव ऐसे प्रयोग और क्रियात्मक कार्यों में क्रियाशील रखता रहा है या उन्हें ऐसे अवसर देता रहा है, जिससे वे अपने ज्ञान के साथ व्यक्तित्व एवं कौशल विकास करते हुए अपने को विविध क्षेत्रों में स्थापित भी करती रह सकें। इसी क्रम में विगत पांच दिनों से बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज में आर्य वीर वीरांगना प्रशिक्षण शिविर का आयोजन चल रहा था। इस शिविर में विद्यालय की पचास छात्राओं को योग, लेजियम, पीटी, ढाल तलवार आदि का विधिवत प्रशिक्षण प्रदान किया गया। कार्यक्रम की नोडल पूनम यादव और मंजुला यादव थीं। इस प्रशिक्षण शिविर में छात्राओं ने पूरे मनोयोग और उत्साह से प्रतिभाग किया। छात्राओं को वेद और भारतीय संस्कृति इत्यादि की भी जानकारी दी गई। कार्यक्...

ब्रांड बनने के मूल्य पर कला से न करें समझौता : आचार्य जयकृष्ण अग्रवाल

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लखनऊ। कलादीर्घा दृश्य कला पत्रिका एवं कला स्रोत कला वीथिका, लखनऊ द्वारा आयोजित वत्सल अखिल भारतीय चित्रकला प्रदर्शनी के चौथे दिन आज आचार्य जयकृष्ण अग्रवाल, पूर्व प्राचार्य, कला एवं शिल्प महाविद्यालय, लखनऊ अतिथि थे। जिनका स्वागत डॉ. लीना मिश्र ने बाल वृक्ष प्रदान कर किया। आचार्य अग्रवाल ने कलाकारों से संवाद करते हुए कला के अनेक पक्षों पर अपनी राय रखी। प्रोफेसर अग्रवाल ने सहभागी कलाकारों एवं नगर के कला प्रेमियों से भारतीय कला की समकालीन प्रवृत्तियों एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे कला प्रयोगों पर विधिवत बात की एवं अपनी कलाशिक्षा, अपने कला अध्यापन और कला अभ्यास पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि तब और अब के कला मूल्य, शिक्षण पद्धति और संवेदनाओं में क्या परिवर्तन आया है। उन्होंने यह भी बताया कि कला शिक्षा को सामान्य शिक्षा जैसा न समझते हुए सरकार और कला संस्थानों को इस पर गंभीरता से विचार करते हुए वह स्वतंत्रता और सुविधा देनी चाहिए जो कला शिक्षा में आवश्यक होती है। इस अवसर पर प्रदर्शनी की क्यूरेटर डॉ. लीना मिश्र, समन्वयक डॉ. अनीता वर्मा एवं सुमित कुमार, वरिष्ठ कलाकार किरन राठौर, अजीत सिंह, सहभा...

बालिका विद्यालय : आर्य वीर वीरांगना दल प्रशिक्षण शिविर में बताया शस्त्र और शास्त्र का महत्व

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बेटियों को भारतीय मनीषा का सम्पूर्ण प्रशिक्षण आवश्यक : डॉ. लीना मिश्र लखनऊ। वर्ष 1949 में स्थापित बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज, मोती नगर के प्रबंधक एवं समाजसेवी मनमोहन तिवारी के संरक्षण में विद्यालय में पांच दिवसीय आर्य वीर वीरांगना प्रशिक्षण दल शिविर कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ। इस कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य विद्यालय की छात्राओं को भारतीय संस्कृति की विविध विधाओं, योग, अध्यात्म, शास्त्रों और शस्त्रों का प्रशिक्षण प्रदान कर मानसिक और शारीरिक रूप से सुसंस्कृत और स्वस्थ बनाना है। बीती 13 मई को आर्य वीर वीरांगना दल प्रशिक्षण का उद्घाटन देव यज्ञ से हुआ। इस यज्ञ की मुख्य यजमान विद्यालय की उप प्रबंधक सुश्री सुधा शर्मा और यज्ञ के पुरोहित डोरीलाल थे। बच्चों को शुभाशीष स्वामी वेदामृतानंद एवं डॉक्टर सत्यकाम आर्य द्वारा दिया गया। सभी के प्रति कृतज्ञता विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ. लीना मिश्र के द्वारा ज्ञापित दी गई। कार्यक्रम की नोडल वरिष्ठ शिक्षिका पूनम यादव और मंजुला यादव हैं। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक कांति कुमार, प्रशिक्षक इंदल आर्य, प्रधान आर्य समाज इंदिरा नगर अक्षय कुमार, रमेश, ...

वत्सल चित्रकला प्रदर्शनी में दिखी मां की संवेदनाएं

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लखनऊ। कलादीर्घा दृश्य कला पत्रिका एवं कला स्रोत कला वीथिका, लखनऊ द्वारा आयोजित वत्सल अखिल भारतीय चित्रकला प्रदर्शनी में सोमवार को दूसरे दिन लखनऊ के कला प्रेमियों के आने जाने का क्रम बना रहा। दर्शकों ने मातृदिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस प्रदर्शनी के कई चित्रों की सराहना की और कलाकारों से चित्रों पर बातचीत की। प्रदर्शनी में डॉ. अनीता वर्मा का चित्र जिसमें छोटे बच्चों के खिलौने को संयोजित किया गया है, प्रदर्शनी का आकर्षण बना रहा। खिलौने वाली कार पर बैठी बत्तख जो अपना पर्स लेकर मार्केट जा रही है, सुंदर और चटक रंगों में अभिव्यक्त है। बत्तख का छाता लगाकर खुले आसमान में घूमने जाना दर्शकों को अच्छा लगा। युवा कलाकार सुमित कुमार के चित्र में अपनी मां के जमाने की कहानी जिसमें डोली पर दुल्हन बैठकर जाती थी और गांव के बच्चे बताशा लूटने उसके पीछे-पीछे भागते थे, सभी को उस समय से जोड़ रहा था। मां के जमाने के उत्सव, इमारतें और आलंकारिक तत्वों का अच्छी रंग संगति के साथ व्यक्त किया जाना कलाकारों और कला प्रेमियों को लुभा रहा था। डॉ. सचिव गौतम का चित्र जिसमें एक बया अपने बच्चे को दुलार करने के लिए घोंसले प...

एक्सीलिया स्कूल में बच्चों ने मनाया कामयाबी का जश्न

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लखनऊ। सीबीएसई बोर्ड के 12वीं और 10वीं के परिणाम आते ही बच्चों ने एक्सीलिया स्कूल में आकर अपनी कामयाबी का जश्न मनाया। परीक्षा में बैठे सभी छात्र-छात्राओं को सफलता मिली। एक्सीलिया स्कूल की कक्षा बारहवीं की छात्रा शिवानी मौर्या और 10वीं के छात्र विश्वेश मिश्रा ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बच्चों का सम्मान किया गया। शिक्षकों ने उन्हें बेहतर भविष्य के शुभकामनाएं दीं। 12वीं की छात्रा शिवानी मौर्या ने 92.2%, ओजस सिंह और दीपा ममतानी ने 90% अंक अर्जित किए। वहीं 10वीं में विश्वेश मिश्रा ने 95%, अर्नव तिवारी ने 93% और आयुषी शाक्य ने 92% अंक प्राप्त किए। इस अवसर पर प्रधानाचार्या श्रीमती प्रियंका दूबे, मार्गदर्शक डॉ. एसके मिश्रा, श्रीमती रोली पाण्डे समेत अनेक शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहीं। 

'कलाएं सदैव रचती रही हैं इतिहास'

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लखनऊ। कला दीर्घा अंतर्देशीय दृश्य कला पत्रिका एवं कला स्रोत कला वीथिका, अलीगंज, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित वत्सल अखिल भारतीय चित्रकला प्रदर्शनी का रविवार शाम पांच बजे प्रख्यात इतिहासविद आचार्य शोभा मिश्र और प्रख्यात वक्ता एवं कला संरक्षक आत्म प्रकाश मिश्र द्वारा दीपप्रज्वलित कर उद्घाटन किया गया। प्रदर्शनी के सहभागी कलाकारों को अभिनंदन पत्र एवं प्रदर्शनी पुस्तिका देकर अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। प्रदर्शनी अवलोकन के उपरांत वरिष्ठ कलाकार एवं कला दीर्घा अंतर्देशीय दृश्य कला पत्रिका के संपादक डॉ अवधेश मिश्र ने कहा कि कलाओं को लोकाश्रयी होना चाहिए। अभिभावकों को भी ध्यान देना चाहिए कि बच्चों में कलाओं के साहचर्य का बचपन से ही एक संस्कार बने, ताकि उनके जीवन में सकारात्मकता बनी रहे और समाज भी उससे लाभान्वित हो सके।  मुख्य अतिथि प्रोफेसर शोभा मिश्र ने कहा कि आज कलाकृतियों का आस्वाद करने के बाद यह महसूस हुआ कि कला और इतिहास का घनिष्ठ संबंध है। मातृ दिवस पर इस प्रदर्शनी का आयोजित होना दिवस की सार्थकता को और पुष्ट कर रहा है। विशिष्ट अतिथि आत्मप्रकाश मिश्र ने कहा कि हम जिस संस्क...

'कलाकार अपनी संतति की तरह वत्सल भाव से रचता है कलाकृतियां'

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मातृ दिवस के अवसर पर कला स्रोत में होगी 'वत्सल' अखिल भारतीय कला प्रदर्शनी का आयोजन  लखनऊ। आज पूरी दुनिया में ‘इंटरनेशनल मदर्स डे’ और ‘इंटरनेशनल नर्सेस डे’ का उत्सव मनाया जा रहा है। दोनों के हृदय में वत्सल भाव होता है और दोनों – एक अपनी संतति को और दूसरी व्याधिग्रस्त शरीर को वात्सल्यसिक्त कर देती हैं। दोनों नवजीवन देती हैं। कलाकार भी विचारों, कल्पनाओं, सपनों, स्थावर-जंगम सभी को नवजीवन देता है- अपनी रचनाओं में। वह भी माँ से प्रेरित और अनुप्राणित होता है। माँ के बोल सुन और स्पर्श पाकर खिल उठता है उसका तन-मन और तैयार होता है एक नवाचारी एवं समृद्ध रचना के लिए जो सबके लिए कल्याणकारी हो। कलाकार सबका कल्याण चाहता है, भोगे हुए दुख को भी सकारात्मकता के साथ रचता है। उसमें भी मातृत्व भाव-वात्सल्य भाव जगता है अपनी रची रचनाओं के लिए। वह भी बतियाता, गुनगुनाता, दुलारता, सहलाता है अपनी रचनाओं को, भोगता है रचने का सुख-प्रसव सुख।     मातृ दिवस का उत्सव मनाने के लिए तैयार है कला स्रोत कला वीथिका जिसमें प्रदर्शित 41 चित्रों से सजी वत्सल अखिल भारतीय कला प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रोफेसर शोभा ...

गुरु रवींद्र नाथ टैगोर जयंती : छात्राओं ने जाना गुरुदेव के कृतित्व व व्यक्तित्व को

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लखनऊ। महान व्यक्तित्व के विषय में जानना और उनकी जयंती मनाने के बहाने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से परिचित होना ही नहीं बल्कि उसे अपनाना भी, छात्राओं के लिए महत्वपूर्ण होता है। बुधवार को भारत विकास परिषद द्वारा बालिका विद्यालय मोती नगर में गुरु रविंद्र नाथ टैगोर जयंती का आयोजन किया गया। देवेंद्र नाथ टैगोर के सुपुत्र गुरु रवींद्र नाथ टैगोर महान कवि, नाटककार, लेखक और चित्रकार थे। जिन्होंने जीवन के उत्तरार्द्ध में चित्र बनाना शुरू किया और एक महान चित्रकार के रूप में ख्याति प्राप्त की। विश्वभारती शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय उनकी परिकल्पना और अथक परिश्रम का परिणाम है। टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को और निधन 7 अगस्त 1941 को हुआ था। उनकी प्रमुख रचनाओं में उपन्यास: गोरा, घरे बाइरे, चोखेर बाली, नष्टनीड़, योगायोग; कहानी संग्रह: गल्पगुच्छ; संस्मरण: जीवन स्मृति, छेलेबेला, रूस के पत्र; कविता : गीतांजलि, सोनार तरी, भानुसिंह ठाकुरेर पदावली, मानसी, गीतिमाल्य, वलाका; नाटक: रक्तकरवी, विसर्जन, डाकघर, राजा, वाल्मीकि प्रतिभा, अचलायतन और मुक्तधारा आदि शामिल हैं। वह पहले ग़ैर-यूरोपीय थे जिनको 1913 में साहित्य के लिए ...

नवयुग कन्या महाविद्यालय : मतदाता जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को बताई वोट की कीमत

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  लखनऊ। 'कोई मतदाता ना छूटे' इस उद्देश्य से तथा लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय के निर्देशानुसार नवयुग कन्या महाविद्यालय, राजेंद्र नगर द्वारा राजेंद्र नगर वार्ड 90 को गोद लेने का निर्णय लिया गया। उसी के तहत 8 मई को एनसीसी कैडेट्स ने वार्ड में जाकर मतदाता जागरूकता अभियान चलाया। प्राचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय तथा स्वीप संयोजक मेजर (डॉ.) मनमीत कौर सोढ़ी के नेतृत्व में शत प्रतिशत मतदान हेतु राजेंद्र नगर वार्ड के अंतर्गत भाग संख्या 153 से 157 तक के  मतदाताओं के घर-घर जागरूकता अभियान चलाया गया। सभी को इस बात के लिए प्रेरित किया गया कि 20 मई को लोकसभा सामान्य निर्वाचन में मतदान अवश्य करें, क्योंकि प्रत्येक वोट की कीमत होती है। सभी नागरिकों के सामूहिक प्रयास से ही देश सही मायने में विकास की ओर उन्मुख हो सकता है। मतदाता जागरूकता अभियान के बारे में जानकारी दी गई की वार्ड के भाग संख्या 153 से 157 तक में लगभग 5000 मतदाता हैं जो दीनदयाल मार्ग, दुगांवा, विधायक निवास, यूपीआईएल तथा महाविद्यालय के आसपास के इलाकों के निवासी हैं। आज के जागरूकता अभियान में कैडेट पलक गुप्त...

बालिका विद्यालय : हीट वेव सेवर तथा फायर फाइटर के बाबत छात्राओं को किया जागरूक

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मौसम की मार से बचना भी हमारी स्वयं की जिम्मेदारी : डॉ. लीना मिश्र लखनऊ। आज हम सबके विकसित होने के क्रम में समाज में संयुक्त परिवार और सामुदायिक भावना का निश्चित रूप से ह्रास हो रहा है। जिसका सबसे बड़ा दुष्परिणाम यह है कि बच्चे जो कुछ अपने दादी-बाबा या संयुक्त परिवार में बड़े लोगों अथवा समाज के जिम्मेदार लोगों द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों में स्वाभाविक भागीदारी से बहुत कुछ सीखते थे, उससे वंचित होते जा रहे हैं। जिसकी जिम्मेदारी भी अब विद्यालयों की है। इसीलिए अब विद्यालय का काम सिर्फ पाठ्यक्रम पढ़ाना भर ही नहीं है बल्कि सहगामी क्रियाकलापों के दायरे में लाते हुए बहुत सारे पारिवारिक, सामाजिक, नैतिक कार्यों, संस्कृति एवं धरोहरों का संरक्षण और आपदा प्रबंधन जैसे कार्यक्रमों को सिखाना, समझाना और अपने जीवन में अपनाने को प्रेरित करने जैसा दायित्व भी है। इसके अतिरिक्त अन्य बहुत सारे विषय जो राष्ट्रीय और मानवता के प्रति जरूरी हों, के प्रति भी छात्राओं में जागरूकता लाना हमारा ही कर्तव्य है। इसी विचार से नागरिक सुरक्षा कोर द्वारा बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज, मोती नगर में अग्निशमन एवं ही...

बालिका विद्यालय : सड़क सुरक्षा पखवाड़ा कार्यक्रम में छात्राओं को किया जागरूक

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लखनऊ। लोग गांव से शहर की ओर भाग रहे हैं। शहर गांव में धंसता जा रहा है। औद्योगीकरण के समानांतर नगरीकरण विस्तार ले रहा है लेकिन सड़कों का क्या होगा, कितनी सड़कें हैं जो समय-समय पर चौड़ी की जा सकती हैं? नए-नए मॉडल की, नई-नई कंपनियों की, अनेक सुख सुविधाओं के साथ दिन प्रतिदिन अनगिनत गाड़ियां उन्हीं सड़कों पर आ रही हैं, जिनके चौड़ी होने की कोई संभावनाएं नहीं है। नगरों के पुराने मोहल्ले भी ऐसे हैं, जिनका विस्तार नहीं किया जा सकता। तो यह प्रश्न स्वाभाविक ही है कि आखिर ये गाड़ियां कहां पार्क की जाएंगी और कहां चलेंगी, कितना प्रदूषण छोड़ेंगी और कचरे का क्या होगा?  राजधानी के मोती नगर स्थित बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज में सोमवार को सड़क सुरक्षा पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत इन सब बिंदुओं पर छात्रओं के साथ विषय को साझा किया गया। बताया गया कि केवल यातायात नियमों को समझ कर धैर्य से चलने मात्र से इसका आंशिक हल तो निकाला जा सकता है कि गाड़ियां सड़कों पर सुरक्षित चलें और अपने घर से निकले हुए लोग सुरक्षित घर वापस पहुंचे। इसीलिए सरकार भी समय-समय पर सड़क सुरक्षा पखवाड़ा मनाने का अभियान चलाती है। व...