'कलाएं सदैव रचती रही हैं इतिहास'
लखनऊ। कला दीर्घा अंतर्देशीय दृश्य कला पत्रिका एवं कला स्रोत कला वीथिका, अलीगंज, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित वत्सल अखिल भारतीय चित्रकला प्रदर्शनी का रविवार शाम पांच बजे प्रख्यात इतिहासविद आचार्य शोभा मिश्र और प्रख्यात वक्ता एवं कला संरक्षक आत्म प्रकाश मिश्र द्वारा दीपप्रज्वलित कर उद्घाटन किया गया। प्रदर्शनी के सहभागी कलाकारों को अभिनंदन पत्र एवं प्रदर्शनी पुस्तिका देकर अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर शोभा मिश्र ने कहा कि आज कलाकृतियों का आस्वाद करने के बाद यह महसूस हुआ कि कला और इतिहास का घनिष्ठ संबंध है। मातृ दिवस पर इस प्रदर्शनी का आयोजित होना दिवस की सार्थकता को और पुष्ट कर रहा है। विशिष्ट अतिथि आत्मप्रकाश मिश्र ने कहा कि हम जिस संस्कृति के संवाहक हैं, उसमें हमेशा स्त्रियों को ही आगे रखा गया है जैसे सीताराम, राधेश्याम, गौरीशंकर आदि। बाद में पाश्चात्य संस्कृति के दुष्प्रभाव से स्त्रियों को कुछ कम आंका जाने लगा लेकिन स्त्रियों के महत्व और विशेषकर मां के महत्व को कम नहीं किया जा सकता। अतिथियों, कलाकारों, कला प्रेमियों और मीडिया को धन्यवाद करते हुए प्रदर्शनी की क्यूरेटर डॉ. लीना मिश्र ने कहा कि जिस प्रकार का वत्सल भाव किसी भी मां का अपने बच्चों के प्रति होता है, ठीक वही भाव कलाकारों का अपनी कलाकृतियों के प्रति भी। इसलिए आज पूरी दुनिया में आयोजित किए जा रहे मातृ दिवस के उत्सव को वत्सल प्रदर्शनी के कलाकारों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से साकार कर दिया है।
डॉ. लीना मिश्र ने कला स्रोत कला वीथिका द्वारा उत्तर प्रदेश के कला परिदृश्य में दिए जा रहे अवदान को भी सराहा और निदेशक अनुराग डिडवानिया और मानसी डिडवानिया के प्रति आभार प्रकट करते हुए युवा, उत्साही और ऊर्जावान समन्वयकद्वय डॉ. अनीता वर्मा और सुमित कुमार को आशीर्वाद दिया। प्रदर्शनी में सहभागी कलाकारों के साथ नगर के कला प्रेमी उपस्थित थे। वीथिका के निदेशक ने बताया कि यह प्रदर्शनी 19 मई 2024 तक अपरान्ह 2:00 से 7:00 बजे तक दर्शकों के अवलोकनार्थ खुली रहेगी।


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