Video - भगवत गीता के सस्वर पाठ पर झूमे श्रद्धालु
लखनऊ। पूरे विश्व में 1500 से अधिक स्थानों पर भगवत गीता के पाठ का आयोजन गीता परिवार द्वारा इस गीता जयन्ती को किया गया। इसी श्रृंखला में गीता जयन्ती का आयोजन लखनऊ नगर में भी रवींद्रालय प्रेक्षागृह में हुआ।
सम्पूर्ण गीता के अत्यंत अद्भुत विलक्षण संगीतमय पारायण से वातावरण गीता के मंत्रों से गुंजायमान हो उठा। बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में 1000 से भी अधिक गीता प्रेमियों ने साथ मिलकर सम्पूर्ण गीता के 18 अध्यायों का पाठ किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के व्याकरण के विद्वान भारत भूषण ने भी भगवत गीता की महिमा का गान करते हुए कहा कि ऐसा पारायण इससे पहले न देख है और न शायद हुआ होगा। गीता परिवार के संरक्षक राजेन्द्र गोयल ने भी गीता कैसे दर्शनों और शास्त्रों के सूत्र हमें बतलाती है, उस पर प्रकाश डाला।
वैदिक गुरुकुलों से पधारे सभी बटुकों आचार्यों, प्राचार्य, महंत, पुजारी एवं सभी सनातन के पुजारियों को तिलक लगाया गया एवं पटका, दक्षिणा देकर उनका सम्मान किया गया। लखनऊ नगर से गीता कंठस्थ किये हुए गीताव्रतियों एवं श्लोकांक श्लोकरथ से गीता कंठस्थ गीता विचक्षणों को भी सम्मानित किया गया।
गीता परिवार के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डॉ. आशू गोयल ने बतलाया कि गीता एक मात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसकी जयंती मनाई जाती है। यह जीवन विद्या का ग्रंथ है। डॉ. आशू गोयल ने सभी साधकों को आजीवन "गीता, पढ़ें, पढ़ाएं, जीवन में लाएं" इस सूत्र के मार्ग पर आगे बढ़ने हेतु आह्वान किया।
इन्होंने दी 18 अध्यायों की प्रस्तुति
गीता कंठस्थ ज्योति शुक्ला, रूपल शुक्ला, कविता वर्मा, ख्याति गुप्ता, पूजा गोयल, मनीषा बर्धन द्वारा संगीत वाद्यों के साथ ऐसी दिव्य सम्पूर्ण 18 अध्यायों की प्रस्तुति दी गयी। जिसे देख ऑनलाइन व ऑफलाइन सभी लोग रोमांचित हो उठे। सम्पूर्ण गीता पारायण का एक आदर्श स्वरूप हमें देखने को मिला।
संयोजक रजनीश अरोरा समेत, अरविंद शर्मा जी, अनुराग पांडेय जी, जितेंद्र कुमार एवं विनोद दीक्षित सहित निष्काम भाव से 200 से अधिक कार्यकर्ताओं ने दिन रात लगकर इस कार्यक्रम को सम्पन्न किया।

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