शिवसेना ने बागियों पर 50-50 करोड़ में बिकने का आरोप लगाया, ईडी ने संजय राउत को भेजा नोटिस
नई दिल्ली। शिवसेना ने उसकी पार्टी के बागी विधायकों को केंद्र सरकार की तरफ से सुरक्षा मुहैया कराने पर बागियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे 50-50 करोड़ रुपये में बिक गए हैं। महाराष्ट्र के मौजूदा संकट के लिए भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहराते हुए उस पर भी हमला बोला। इस बीच सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवसेना नेता संजय राउत को धनशोधन के एक मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को पेश होने के बाबत समन भेजा है।
राज्यसभा सांसद सजंय राउत ने ट्वीट कर ईडी से उन्हें समन दिए जाने की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की। उन्होंने कहा, ‘मुझे अभी पता चला कि ईडी ने मुझे तलब किया है। अच्छा ! महाराष्ट्र में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम हैं। हम, बालासाहेब के शिवसैनिक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। यह मुझे रोकने की साजिश है। अगर आप मेरा सिर काट भी दें तो मैं गुवाहाटी का रास्ता नहीं अपनाऊंगा। मुझे गिरफ्तार करो! जय हिन्द!’
शिवसेना ने कहा, महाराष्ट्र में जारी तमाशे के पीछे बीजेपी
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में सोमवार 27 जून को संपादकीय में पार्टी ने महाराष्ट्र संकट के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि राज्य में जारी तमाशे के पीछे भारतीय जनता पार्टी है। बागी विधायकों को केंद्र की ओर से वाई प्लस सुरक्षा दिए जाने के बाद शिवसेना ने दावा किया कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच बीजेपी ही यह सब तमाशा कर रही है। सामना में एक संपादकीय में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले पार्टी के बागी विधायकों पर आरोप लगाया गया है कि वे 50-50 करोड़ रुपये में बिक गए हैं।
सीआरपीएफ के कमांडो सुरक्षा देंगे
दावा किया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे के सुरक्षा मुहैया कराने के बाबत पत्र लिखने पर केंद्र सरकार ने रविवार को शिवसेना के 15 बाकी विधायकों को सीआरपीएफ कमांडो के घेरे वाली वाई प्लस सुरक्षा प्रदान की है। यह सुरक्षा पाने वालों में रमेश बोर्नारे, मंगेश कुदलकर, संजय शिरसत, लताबाई सोनवाने व प्रकाश सुर्वे और 10 अन्य विधायक शामिल हैं। महाराष्ट्र में रह रहे उनके परिवारों को भी सुरक्षा प्रदान की जाएगी। विधायकों के महाराष्ट्र लौटने के बाद प्रत्येक पाली में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के लगभग चार से पांच कमांडो उनकी सुरक्षा करेंगे।
‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया है कि बीजेपी अंततः बेनकाब हो गई। वे कह रहे हैं कि शिवसेना में विद्रोह आंतरिक मामला है। संपादकीय में दावा किया गया है कि वडोदरा में एकदास एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फड़णवीस की गुप्त बैठक हुई थी। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। संपादकीय में कहा गया है कि केंद्र ने बैठक के तत्काल बाद बागी विधायकों को वाई प्लस सुरक्षा प्रदान कर दी, जैसे कि वे लोकतंत्र के रक्षक हों।
संपादकीय में कहा गया है कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र और राज्य के बीजेपी नेताओं ने ही इन अभिनेताओं विद्रोही विधायकों के लिए पटकथा लिखी है और वह पूरे तमाशे का निर्देशन कर रहे हैं। शिवसेना ने दावा किया कि बागी विधायकों को वाई प्लस सुरक्षा मुहैया कराकर महाराष्ट्र के खिलाफ बीजेपी की गद्दारी का पर्दाफाश हो गया है। सामना में पूछा गया है कि क्या केंद्र सरकार को इस बात का डर था कि वे राज्य में वापस आने के बाद अपनी पार्टी में लौट जाएंगे।

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