लखनऊ की वह ऐतिहासिक कोठी जहां होती थीं मुर्गों की लड़ाइयां, भोपाल से भी है खास रिश्ता
- पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने काकोरी कोठी के वास्तु को देखा-समझा और उसके ऐतिहासिक महत्व को जाना
लखनऊ। राजधानी स्थित ऐतिहासिक काकोरी कोठी, ख्यालीगंज में आज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पहुंचे और इसके बारे में जानकारी हासिल की। यहां के वास्तु को उन्होंने देखा और समझा। काकोरी कोठी वह जगह है, जहां अंग्रेज नवाबों के मनोरंजन के लिए मुर्गों की लड़ाइयां करवाते थे। पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी भी उनके साथ थे।
कैसरबाग क्षेत्र में काकोरी कोठी का निर्माण 18वीं शताब्दी में फ्रांसीसी वास्तुकार मेजर क्लाउड मार्टिन ने किया था। इस कोठी का शानदार गोल कमरा बहुत मशहूर है। कहते हैं कि इस कमरे में मार्टिन साहब नवाबों के मनोरंजन के लिए मुर्गों की लड़ाई कराते थे। मार्टिन साहब की 1800 में मृत्यु हुई।
बताते हैं कि भोपाल में प्रधान मंत्री रहे और काकोरी के मूल निवासी जनाब इम्तियाज अली ने 1876 ई. में मार्टिन ट्रस्ट से यह कोठी खरीद ली थी और इसे अपने गृहनगर काकोरी के नाम पर काकोरी कोठी नाम दिया। इन दिनों इस कोठी की मालकियत सैफ अलवी के पास है। सैफ अलवी ने काकोरी कोठी के इतिहास के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री को बताया।
काकोरी कोठी के पास समाजवादी पार्टी का जिला/महानगर कार्यालय है। कैसरबाग क्षेत्र में सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारतें सफेद बारादरी और अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी भी है। कैसरबाग लखनऊ के आखिरी नवाब वाजिद अली शाह द्वारा 1848-1850 के बीच निर्मित है जो अपनी वास्तुकला के लिए मशहूर है। भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय भी यहां है जो नृत्य, संगीत की शिक्षा के लिए मशहूर है।
इस मौके पर महानगर अध्यक्ष फाखिर सिद्दीकी, वरिष्ठ नेता नवीन धवन बंटी सहित बक्कास खां व इरशाद आदि भी मौजूद रहे।

अच्छी खबर, बेहतरीन जानकारी।
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