गर्मी में पेट के रोग से हैं परेशान?, जानिये गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. आकाश माथुर से बचाव के उपाय
- गर्मी में क्यों बढ़ जाते हैं पेट के रोग और डायरिया? जानिए कारण, बचाव और समाधान
गर्मी का मौसम जहां आम तौर पर लू, थकान और पानी की कमी के लिए जाना जाता है, वहीं इस दौरान पेट की समस्याएं भी अचानक बढ़ जाती हैं। जैसे डायरिया (दस्त), गैस, अपच, उल्टी, और पेट दर्द। सही जानकारी और थोड़ी सी सावधानी से इन समस्याओं से बचा जा सकता है। गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. आकाश माथुर कहते हैं कि इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण, लक्षण, घरेलू उपाय, डॉक्टर से कब मिलें और खासतौर पर व्रत के दौरान कुछ सावधानियां रखें तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है।
गर्मी में पेट खराब क्यों होता है? – वैज्ञानिक और व्यवहारिक कारण
1. बैक्टीरिया और वायरस की वृद्धि:
गर्म और नमी भरे मौसम में हानिकारक सूक्ष्मजीव (जैसे ई. कोलाई, साल्मोनेला, रोटावायरस) तेजी से पनपते हैं।
2. भोजन जल्दी खराब होना:
गर्मी में पका हुआ खाना जल्दी सड़ता है, जिससे फूड पॉइजनिंग की संभावना बढ़ जाती है।
3. ठंडी चीज़ों और सड़क किनारे का खाना:
बर्फ, गोलगप्पे, कुल्फी जैसे खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थ संक्रमण फैला सकते हैं।
4. पानी की कमी और दूषित जल:
प्यास बुझाने के लिए लोग कहीं का भी पानी पी लेते हैं, जिससे जलजनित रोग होते हैं।
5. स्वच्छता की कमी:
गंदे हाथों से खाना या बिना हाथ धोए कुछ खाना संक्रमण का कारण बनता है।
6. थर्मोरेगुलेशन का प्रभाव (एक वैज्ञानिक कारण):
गर्मी में शरीर खुद को ठंडा रखने के लिए रक्त प्रवाह (blood flow) को पाचन तंत्र से हटाकर त्वचा की ओर मोड़ देता है ताकि पसीना बन सके और शरीर का तापमान संतुलित रहे।
इससे पाचन क्रिया में रक्त आपूर्ति कम हो जाती है और परिणामस्वरूप अपच, सूजन, जलन या डायरिया जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
डायरिया के लक्षण
बार-बार पतले दस्त
पेट में मरोड़ या दर्द
मतली या उल्टी
बुखार
कमजोरी और थकान
डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) के संकेत
डायरिया में क्या करें?
ORS, नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ जैसे तरल लें।
खिचड़ी, उबला आलू, दही और केला जैसे हल्के भोजन लें।
आराम करें, शरीर को रेस्ट दें।
प्रोबायोटिक सप्लीमेंट या दही लें।
डिहाइड्रेशन के संकेत
होंठ और मुंह सूखना
गहरा रंग या कम मात्रा में पेशाब
चक्कर आना या सुस्ती
आंखों का धँस जाना
त्वचा की लचक कम होना
बच्चों में रोते समय आंसू न आना
डॉक्टर को कब दिखाएं?
दस्त दो दिन से ज्यादा चले।
दस्त में खून या बलगम आए।
तेज बुखार, उल्टी, बेहोशी या पेट में तेज दर्द।
डिहाइड्रेशन के स्पष्ट लक्षण दिखें।
छोटे बच्चों, बुजुर्गों या बीमार व्यक्तियों में तुरंत सलाह लें।
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. आकाश माथुर कहते कि इस दौरान क्या खाना है और क्या नहीं खाना है इसका विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है।
क्या खायें
ORS, दही, नारियल पानी
खिचड़ी, केला, उबले आलू
सेब (छिलका हटाकर), दाल का पानी
क्या नहीं खायें
तला-भुना, मसालेदार खाना
कोल्ड ड्रिंक, बर्फ वाले पदार्थ
कटे फल जो खुले में रखे हों
भारी दूध और डेयरी उत्पाद
सड़क किनारे का खाना
व्रत के दौरान पेट खराब हो जाए तो क्या करें?
व्रत में डायरिया होना शरीर के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है। ऐसे में कुछ विशेष सावधानियों का पालन जरूरी है:-
1. तरल पदार्थ की कमी न होने दें।
व्रत में भी नारियल पानी, नींबू-पानी, छाछ जैसे पेय लें, जो ऊर्जा और इलेक्ट्रोलाइट्स बनाए रखें।
2. फलाहारी हल्का भोजन लें।
साबूदाना, उबला आलू, केला, सेब आदि पचने में आसान होते हैं।
3. दवा लेना ज़रूरी हो तो लें।
अगर पेट की हालत बिगड़ रही हो तो व्रत में भी डॉक्टर की सलाह से दवा अवश्य लें।
4. जरूरत पड़ने पर व्रत तोड़ें।
धार्मिक दृष्टि से जब शरीर अस्वस्थ हो तो व्रत को स्थगित करना भी उचित होता है।
5. अतिउत्साही न बनें।
गर्मी में लंबा उपवास या अधिक शारीरिक श्रम से बचें।
सामान्य सावधानियां – हर किसी के लिए जरूरी
RO या उबला हुआ पानी ही पिएं।
खाने से पहले और शौच के बाद हाथ धोना न भूलें।
ठंडी चीज सोच-समझकर खाएं।
खाना ढककर रखें और बासी न खाएं।
बाहर खाना खाने से बचें।
बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
निष्कर्ष
गर्मी का मौसम पाचन तंत्र के लिए चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन जागरूकता, स्वच्छता और संतुलित आहार से आप डायरिया और अन्य पेट संबंधी समस्याओं से सुरक्षित रह सकते हैं। शरीर का तापमान संतुलन बनाए रखने के चक्कर में पाचन तंत्र पर असर होता है, इसलिए इस मौसम में पेट का ख्याल रखना और हल्का भोजन व पर्याप्त तरल लेना बेहद जरूरी है।
याद रखें
स्वस्थ पेट = स्वस्थ शरीर
“गर्मी में खानपान और स्वच्छता में थोड़ा सा अनुशासन, आपकी सेहत की सबसे बड़ी रक्षा है।”
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. आकाश माथुर कहते कि आपका पेट और लिवर स्वास्थ्य का विश्वसनीय मार्गदर्शक है ।
अधिक जानकारी के लिए विजिट करें: www.drakashmathur.com

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें