नवयुग कन्या महाविद्यालय : विश्व पर्यावास दिवस की महत्ता और जरूरत पर डाला प्रकाश


लखनऊ। 'सुरक्षित और स्वस्थ आवास सभी का अधिकार है' इस आह्वान के साथ आज नवयुग कन्या महाविद्यालय, राजेंद्र नगर की 19 उत्तर प्रदेश गर्ल्स बटालियन एनसीसी विंग द्वारा विश्व पर्यावास दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय तथा संयोजन व संचालन एनसीसी अधिकारी मेजर (डॉ.) मनमीत कौर सोढ़ी ने किया। इस अवसर पर 19 यूपी गर्ल्स बटालियन एनसीसी से सूबेदार सुनील कुमार भी उपस्थित रहे।

विश्व पर्यावास दिवस हर साल अक्टूबर के पहले सोमवार को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 1985 में विश्व पर्यावास दिवस को प्रतिवर्ष मनाने के अपने निर्णय की घोषणा की थी। यह दिवस लोगों को यह याद दिलाने के लिए है कि सुरक्षित और पर्याप्त आवास सभी का अधिकार है। विश्व पर्यावास दिवस 2024 की थीम है “बेहतर शहरी भविष्य बनाने के लिए युवाओं को शामिल करना”।

प्राचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय ने कैडेट्स को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि युवा हमारे देश का भविष्य है। इसलिए उनकी जिम्मेदारी बनती है कि अपने और सभी के बेहतर भविष्य के लिए निरंतर प्रयासरत रहें। बदलाव की शुरुआत स्वयं से करनी होगी। अपने आसपास की व्यवस्थाओं के प्रति सजग रहे और आवश्यकता पड़ने पर जन जागरूकता के माध्यम से विकसित भारत के निर्माण में योगदान दें।

कैडेट लक्षिका किशोर, रिद्धिमा गिरी, आस्था त्रिपाठी, गरिमा तिवारी ने संभाषण एवं कविता के माध्यम से तथा कैडेट वर्तिका सक्सेना, अवंतिका गुप्ता, अरुंधति यादव, तान्या मिश्रा, दिव्यांशी वर्मा ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दर्शाया कि एक तरफ जहां कुछ लोग बड़े-बड़े घरों में शान और शौकत से रहते हैं। दूसरी तरफ कई लोगों के पास रहने के लिए सुरक्षित घर तक नहीं है। 

एक सर्वे के अनुसार पूरी दुनिया में करीब 10 करोड़ लोग बेघर है, जबकि 1.6 अरब लोग बेहद घटिया आवास में रह रहे हैं। दुनिया भर में झोपड़पट्टी में रहने वाले निवासियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। इन्हीं सभी चीजों को देखते हुए लोगों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करने के लिए ‘विश्व पर्यावास दिवस’ मनाने की जरुरत महसूस की गई। विश्व पर्यावास दिवस के लक्ष्य है सभी को सुरक्षित और स्वस्थ आवास उपलब्ध कराना, झुग्गी में रहने वाले लोगों के जीवनस्तर को ऊपर उठाना, पर्याप्त और टिकाऊ परिवहन और ऊर्जा, सभी को शुद्ध पानी मिले, शहरों में हरियाली को बढ़ाना व लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करना।

मेजर (डॉ.) मनमीत कौर सोढ़ी ने कहा कि वर्ष 2024 की थीम के अनुसार युवा कैडेट्स को इस दिवस से जोड़ने का प्रयास किया गया, क्योंकि युवा किसी भी प्रकार का बदलाव लाने की सामर्थ्य रखते हैं। भारत विश्व में एक बड़ी आबादी वाला देश है जहां आबादी का एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन करता है। यह तीव्र शहरीकरण शहरी संसाधनों और बुनियादी ढांचे पर अत्यधिक दबाव डालता है। हर किसी के पास कस्बों और शहरों के भविष्य को आकार देने की शक्ति और जिम्मेदारी है, जिसे निभाना सबका दायित्व है।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में एनसीसी कैडेट उपस्थित रहे। एनसीसी गान एवं भारत माता की जय के उद्घोष के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।


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