लद्दाख से पैदल चलकर दिल्ली पहुंचने पर रोके गए सोनम वांगचुक ने 'हे राम' कहकर देश को दिया संदेश
नई दिल्ली। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की विभिन्न समस्याओं को लेकर लगातार आवाज उठाते रहने वाले समाजसेवी और वैज्ञानिक सोनम वांगचुक देश के जागरूक नागरिक की हैसियत से हमेशा सक्रिय रहते हैं। लद्दाख में वहां के निवासियों के साथ एक बड़ा आंदोलन चलाने वाले सोनम वांगचुक करीब 1 महीने पहले अपने साथियों के साथ पैदल मार्च करते हुए दिल्ली के लिए चले थे। 30 सितंबर को दिल्ली की सीमा पर पहुंचने पर उन्हें और उनके साथियों को रोक दिया गया। वे लोग दिल्ली की सीमा में प्रवेश नहीं कर सके।
सोनम वांगचुक और उनके साथियों का कहना है कि वे लोग शांतिपूर्ण पदयात्रा को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में पहुंचने पर दिल्ली में बापू की समाधि तक जाना चाहते थे। पुलिस बल द्वारा रोके जाने पर सोनम वांगचुक ने अपने X हैंडल पर पोस्ट किया, 'मुझे हिरासत में लिया जा रहा है... 150 पदयात्रियों के साथ दिल्ली सीमा पर, 100 पुलिस बल द्वारा, कुछ लोग 1,000 कहते हैं। 80 वर्ष से अधिक उम्र के कई बुजुर्ग पुरुष और महिलाएं और कुछ दर्जन सेना के अनुभवी... हमारा भाग्य अज्ञात है. हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, लोकतंत्र की जननी में... बापू की समाधि तक सबसे शांतिपूर्ण मार्च पर थे... हे राम!'
वहीं दूसरी तरफ दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं के साथ सोनम वांगचुक और उनके साथियों से मिलना चाहा लेकिन उन्हें भी उन लोगों से नहीं मिलने दिया गया। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने उन लोगों को रोके जाने पर नाराजगी जताई है।

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