यूपी : 12 ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने की तैयारी, सड़क सुरक्षा के लिए मील का पत्थर साबित होगा
- उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग एवं मारुति सुजकी इंडिया लिमिटेड के साथ हुआ एमओयू, प्रदेश में अब कुशल ड्राइवर होंगे तैयार
- पांच जिलों में मारुति सुजकी संग हो चुका एमओयू, 17 जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग व टेस्टिंग इंस्टीट्यूट होंगे संचालित: दयाशंकर सिंह
लखनऊ। परिवहन विभाग एवं मारुति सुजकी इंडिया लिमिटेड के मध्य कुल 10 डीटीटीआई (ड्राइविंग ट्रेनिंग एवं टेस्टिंग इंस्टीट्यूट) एवं 2 एडीटीटी सहित कुल 12 जगहों पर सीएसआर फण्ड से निःशुल्क आटोमेशन किये जाने के लिए एमओयू हस्ताक्षरित हुआ। इस अवसर पर परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में यह मील का पत्थर साबित होगा।
परिवहन मंत्री ने कहा कि उप्र जनसंख्या की दृष्टि से देश में प्रथम स्थान पर है। साथ ही सबसे ज्यादा हाईवे वाला प्रदेश भी है। मुख्यमंत्री के कुशल निर्देशन में प्रदेश के हर क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है। पहले जहां प्रदेश में यात्रा करने में 20-20 घंटे लग जाते थे, वहीं अब केवल यात्रा करने में 7 से 8 घंटे ही लगते हैं। कुछ समय पूर्व बलिया से लखनऊ आने में उन्हें खुद 14 से 15 घंटे लगते थे। अब एक्सप्रेसवे के बनने से यह दूरी 4 से 5 घंटे में तय हो जा रही है। साथ ही सड़क सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है। इसी के दृष्टिगत आज 12 जगहों पर ड्राइविंग के लिए इंस्टीट्यूट हेतु मारुती सुजकी के साथ बड़ा एमओयू हुआ। इससे प्रदेश में अब कुशल ड्राइवर उपलब्ध होंगे।
परिवहन मंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा को विभाग ने एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया और सड़क सुरक्षा की बाधाओं को दूर करने के लिए विभाग निरन्तर प्रयास भी कर रहा है। प्रदेश में कुल 10 जगहों मुरादाबाद, मेरठ, बस्ती, मिर्जापुर, बरेली, झांसी, अलीगढ़, देवीपाटन-गोण्डा, आजमगढ़ एवं मुजफ्फरनगर में डीटीटीआई एवं आजमगढ़ एवं प्रतापगढ़ में एडीटीटी के संचालन हेतु उक्त एमओयू हुआ है। उन्होंने कहा मारुति सुजकी 12 ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट प्रदेश को उपलब्ध करायेगा।
उन्होंने कहा कि आज परिवहन विभाग स्क्रैप पालिसी, फिटनेस एवं ड्राइविंग स्कूल से लेकर हर क्षेत्र में अव्वल है। आज उतर प्रदेश परिवहन विभाग एवं परिवहन निगम के कार्यप्रणाली की प्रशंसा देश के अन्य राज्यों में भी हो रही है। उन्होंने कहा कि पहले ड्राइविंग ट्रेनिंग की व्यवस्था जहाजों के उड़ाने वाले पायलटों को थी, परन्तु डीटीटीआई के संचालन से यह व्यवस्था अब आमजन को भी मुहैया होगी। उन्होंने कहा कि गाड़ी चलाना महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि सड़क सुरक्षा के सभी नियमों की जानकारी होना बेहद जरूरी है।
उन्होंने समाजहित में इस नेक कार्य के लिए मुख्यमंत्री के साथ मारुति सुजकी के तरफ से आये अधिकारियों का भी धन्यवाद किया। इन सेंटरों पर कुल 8 प्रकार के टेस्ट की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि इसके पूर्व मुख्यमंत्री के कर कमलों द्वारा 5 जगहों अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागरा एवं मथुरा में मारुति सुजकी के साथ परिवहन निगम का एमओयू हो चुका है। इस प्रकार कुल 17 ड्राइविंग ट्रेनिंग एवं टेस्टिंग इंस्टीट्यूट प्रदेश में संचालित होगे।
अपर मुख्य सचिव परिवहन एल वेंकटेश्वर लू ने कहा कि मुख्यमंत्री एवं परिवहन मंत्री के निर्देशन में परिवहन विभाग बेहतर कार्य कर रहा है। दुर्घटनाओं के पश्चात दुर्घटना स्थल पर अधिकारियों के भेजने एवं बेहतर इलाज की व्यवस्था करने के निर्देशों का पालन भी किया जाता है। इस एमओयू के पश्चात कुशल ड्राइवरों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे कि सड़क दुर्घटनाओं में भी उल्लेखनीय कमी आयेगी। साथ ही विभाग वाहनों के फिटनेस एवं ओवर स्पीडिंग व ओवर लोडिंग के दिशा में भी निरन्तर अभियान चलाता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री के एवं परिवहन मंत्री के निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन किया जायेगा।
मारुति सुजकी इंडिया लि. के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर राहुल भारती ने कहा कि सड़क सुरक्षा जैसे इस महत्वपूर्ण परियोजना में हमारे ऊपर भरोसा करने के लिए हम मुख्यमंत्री एवं परिवहन मंत्री का आभार व्यक्त करते हैं। हम साथ मिलकर ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की मूल्यांकन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और स्वचालित बनाने का कार्य करेंगे। ड्राइविंग लाइसेंस टेस्टिंग का आटोमेशन एक सकारात्मक बदलाव के दौर का शुरुआत करेगा, जो केवल सक्षम उम्मीदवारों को ही ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करना सुनिश्चित करके सड़क दुर्घटनाओं को कम से कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।
इस अवसर पर परिवहन आयुक्त चंद्रशेखर सिंह, एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर, विशेष सचिव केपी सिंह, तरुण अग्रवाल, सीनियर वाइस प्रेसीडेंड सीएसआर हेड मारुति सुजकी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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