पूर्व सीएम चंपाई सोरेन का हेमंत सोरेन पर हमला, झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठिये बने समस्या, मां-बहनों की अस्मत खतरे में, भाजपा से जुड़ने का ऐलान किया
नई दिल्ली। झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर हेमंत सोरेन सरकार को पूरी तरह से घेर दिया है। भारतीय जनता पार्टी के उन आरोपों को उन्होंने पूरी तरह से स्वीकार करते हुए साफ तौर पर कहा, ‘झारखंड के संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ बहुत बड़ी समस्या बन चुका है। इस से दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है कि जिन वीरों ने जल, जंगल व जमीन की लड़ाई में कभी विदेशी अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार नहीं की, आज उनके वंशजों की जमीनों पर ये घुसपैठिए कब्जा कर रहे हैं। इनकी वजह से फूलो-झानो जैसी वीरांगनाओं को अपना आदर्श मानने वाली हमारी माताओं, बहनों व बेटियों की अस्मत खतरे में है।’
चंपाई सोरेन ने यह बात अपने X हैंडल पर मंगलवार देर शाम को पोस्ट के जरिये कही। भाजपा भी लगातार झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उठाकर हेमंत सोरेन सरकार से सवाल करती रही है। अब यही बात झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने भी उठाकर भाजपा के आरोपों को मजबूत आवाज दे दी है। इसी के साथ चंपाई सोरेन ने खुद के भाजपा से जुड़ने का ऐलान कर दिया है। चंपाई सोरेन सोमवार को दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के गृह मंत्री अमित शाह से असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के साथ मिले थे। हिमंता बिस्वा सरमा भी देश में बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा जोर-शोर से उठाते रहते हैं।
उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा -
जोहार साथियों,
पिछले हफ्ते (18 अगस्त) एक पत्र द्वारा झारखंड समेत पूरे देश की जनता के सामने अपनी बात रखी थी। उसके बाद, मैं लगातार झारखंड की जनता से मिल कर, उनकी राय जानने का प्रयास करता रहा। कोल्हान क्षेत्र की जनता हर कदम पर मेरे साथ खड़ी रही, और उन्होंने ही सन्यास लेने का विकल्प नकार दिया। पार्टी में कोई ऐसा फोरम/मंच नहीं था, जहां मैं अपनी पीड़ा को व्यक्त कर पाता तथा मुझ से सीनियर नेता स्वास्थ्य कारणों से राजनीति से दूर हैं।
आज बाबा तिलका मांझी और सिदो-कान्हू की पावन भूमि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ बहुत बड़ी समस्या बन चुका है। इस से दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है कि जिन वीरों ने जल, जंगल व जमीन की लड़ाई में कभी विदेशी अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार नहीं की, आज उनके वंशजों की जमीनों पर ये घुसपैठिए कब्जा कर रहे हैं। इनकी वजह से फूलो-झानो जैसी वीरांगनाओं को अपना आदर्श मानने वाली हमारी माताओं, बहनों व बेटियों की अस्मत खतरे में है।
आदिवासियों एवं मूलवासियों को आर्थिक तथा सामाजिक तौर पर तेजी से नुकसान पहुंचा रहे इन घुसपैठियों को अगर रोका नहीं गया, तो संथाल परगना में हमारे समाज का अस्तित्व संकट में आ जायेगा। पाकुड़, राजमहल समेत कई अन्य क्षेत्रों में उनकी संख्या आदिवासियों से ज्यादा हो गई है। राजनीति से इतर, हमें इस मुद्दे को एक सामाजिक आंदोलन बनाना होगा, तभी आदिवासियों का अस्तित्व बच पाएगा।
इस मुद्दे पर सिर्फ भाजपा ही गंभीर दिखती है और बाकी पार्टियां वोटों की खातिर इसे नजरअंदाज कर रही है। इसलिए आदिवासी अस्मिता एवं अस्तित्व को बचाने के इस संघर्ष में, मैने माननीय प्रधानमंत्री श्री
@narendramodi जी एवं गृह मंत्री श्री
@AmitShah जी के नेतृत्व में आस्था जताते हुए भारतीय जनता पार्टी से जुड़ने का फैसला लिया है।
झारखंड के आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों, पिछड़ों, गरीबों, मजदूरों, किसानों, महिलाओं, युवाओं एवं आम लोगों के मुद्दों एवं अधिकारों के संघर्ष वाले इस नए अध्याय में आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।
आपका,
चम्पाई सोरेन
#Former CM #Champai Soren # #cm #Hemant Soren #Jharkhand #Bangladeshi infiltrators #BJP #Amit Shah #Himanta Biswa Sarma #Santhal Pargana #jmm #ranchi
#पूर्व सीएम #चंपाई सोरेन # #cm #हेमंत सोरेन #झारखंड #बांग्लादेशी घुसपैठिये #भाजपा #अमित शाह #हिमंता बिस्वा सरमा #संथाल परगना #jmm #ranchi


टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें