दुष्यंत ने भाजपा से भिड़ने को इनेलो-बसपा गठबंधन के बीच चंद्रशेखर से मिलाया हाथ
- भाजपा से झटका खाये दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा चुनाव के लिए चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी के साथ सीटें तय कीं
नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार चलाने वाले जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपना नया साथी चुन लिया है। भाजपा-जजपा सरकार में डिप्टी सीएम रहे दुष्यंत चौटाला ने आजाद समाज पार्टी (आसपा) के अध्यक्ष और नगीना सुरक्षित क्षेत्र के सांसद चंद्रशेखर की पार्टी से साथ अब हरियाणा का चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। दोनों दल राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 70 और 20 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे।
भाजपा ने हरियाणा के लोकसभा चुनाव से पहले जजपा को झटका दे दिया था। राज्य की 10 लोकसभा सीटों में से एक भी सीट जजपा को नहीं दी थी। यहीं से दुष्यंत चौटाला और उनकी पार्टी ने अपना रास्ता अलग कर लिया था। हरियाणा की सभी लोकसभा सीटों पर जजपा ने चुनाव लड़ा पर उसे कामयाबी नहीं मिली। भाजपा ने पांच लोकसभा सीट चुनाव में जीती। लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य की सरकार से बाहर हुए दुष्यंत चौटाला अपनी पार्टी के आधार को बचाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। उनकी पार्टी के पिछले विधानसभा चुनाव में 10 एमएलए जीते थे जो बाद में धीरे-धीरे अलग होते चले गए। इनमें से चार से पांच विधायक खुलकर भारतीय जनता पार्टी की मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सरकार का समर्थन करते रहते हैं।
हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में आने वाले दिनों में दिलचस्प चुनावी समीकरण दिखाई देंगे। फिलहाल अभी जो स्थिति है, उसमें पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल का मायावती की बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन राज्य के विधानसभा चुनाव के लिए हो चुका है। ओमप्रकाश चौटाला के स्वास्थ्यगत कारणों से ज्यादा सक्रिय नहीं होने के कारण उनके छोटे बेटे अभय चौटाला इनेलो की कमान संभाले हुए हैं, जबकि उनके बड़े बेटे अजय चौटाला अपने बेटों दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला के साथ अपनी जननायक जनता पार्टी को राज्य की सियासत में मजबूत ताकत बनाने के लिए सक्रिय हैं। चुनावी समीकरणों में हरियाणा में इनेलो के साथ बसपा तो जजपा के साथ चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी चुनाव मैदान में आमने-सामने होगी।
भाजपा और कांग्रेस पर कितना असर डालेंगे दोनों गठबंधन
इन लोगों का मुख्य मुकाबला राज्य में लगातार तीन टर्म से सरकार चला रही भाजपा और राज्य में सत्ता की प्रबल दावेदार कांग्रेस पार्टी से होगा। इन्हीं चुनावी हालात के बीच दुष्यंत चौटाला ने चंद्रशेखर से हाथ मिलाते हुए मीडिया से मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी राज्य में 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि आजाद समाज पार्टी 20 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। मायावती और चंद्रशेखर का मुख्य आधार वोट बैंक दलित समाज के वोटर माने जाते हैं। हरियाणा में इस समाज के मतदाताओं की प्रभावी संख्या है। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि इनेलो को बसपा का साथ मिलने से और जजपा को आसपा का साथ मिलने से दलित वोटरों का कितना समर्थन विधानसभा चुनाव में इन दोनों गठबंधनों को मिलता है।
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