बालिका विद्यालय में कौशल दिवस का आयोजन
- बच्चे सृजन क्षमता और जिज्ञासा से लबरेज रहते हैं : डॉ. लीना मिश्र
लखनऊ। सभी बच्चे कलात्मकता, जिज्ञासा, और कौशल से लबरेज रहते हैं। बस आवश्यकता होती है कि सही समय पर उनकी सही प्रतिभा पहचान कर उसे प्रोत्साहित और नवाचार के लिए प्रेरित किया जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में इसी बात को प्रकाशवृत्त में लाते हुए पाठ्यक्रमों को डिजाइन किया गया है। बच्चों को अपनी कलात्मक जिज्ञासा और सृजन क्षमता को पाठ्यक्रमों और उसके इतर भी प्रयोग करने की पूरी छूट दी गई है। यही इस शिक्षा नीति की आत्मा है।
यह बात बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ. लीना मिश्र ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की चतुर्थ वर्षगांठ के अवसर पर विद्यालय में आयोजित शिक्षण सप्ताह में कही। सप्ताह के पांचवें दिन कौशल दिवस का आयोजन किया गया था। कौशल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य छात्राओं में विविध कौशलों को विकसित करना है, जिससे भविष्य में वे चाहें तो उसे अपने और अपने परिवार के लिए जीविकोपार्जन का माध्यम बना सकें।
रागिनी यादव द्वारा छात्राओं को संतुलित भोजन के संबंध में जानकारी दी गई और उनके निर्देशन पर छात्राओं ने विविध प्रकार की खाद्य सामग्रियां तैयार कीं। इसके साथ ही उनके द्वारा छात्राओं को निष्प्रयोज्य सामग्री से पेंटिंग, राखी, पोस्टकार्ड, टाई एंड डाई के माध्यम से उपयोगी और सजावटी कलात्मक सामग्री तैयार करवाई गई। छात्राओं ने पूरे उत्साह से प्रतिभाग किया। इसके साथ ही छात्राओं ने हेयर बैंड, बैग इत्यादि भी तैयार किए। इस कार्यक्रम के आयोजन में पूनम यादव और मंजुला यादव का सहयोग रहा।
इसके साथ ही सर्वज्ञा सागर सिंह केयर एंड शेयर गैर सरकारी संगठन की कार्यकर्ता अंजना द्वारा छात्राओं को स्किल बेस्ड एजुकेशन के अंतर्गत घरेलू उपयोग की सामग्री तैयार करना सिखाया गया। विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ. लीना मिश्र द्वारा स्मृति चिह्न देकर उनका स्वागत किया। इस कार्यक्रम में सीमा आलोक वार्ष्णेय, शालिनी श्रीवास्तव, पूनम यादव, उत्तरा सिंह, अनीता श्रीवास्तव, माधवी सिंह, रागिनी यादव, मंजुला यादव, प्रतिभा रानी और रितु सिंह उपस्थिति रहीं। सभी शिक्षिकाओं ने छात्राओं को उनके कार्य एवं उत्साह के लिए बधाई और भविष्य में और अधिक कार्य करने की प्रेरणा दी।



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