बसों की आमने-सामने हुई भीषण टक्कर, यात्रियों की मौत का जिम्मेदार कौन?


  • दोनों बसों में 100 से अधिक यात्री सवार थे, जिनमें 4 की मौत, 50 घायलों को भेजा गया अस्पताल
  • मुख्यमंत्री के निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहे संबंधित विभाग के आला अफसर, भुगत रही जनता

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक माह के अंदर एक के बाद एक सड़क हादसे मे कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। आज सुबह रामपुर जिले में फिर एक दर्दनाक बस हादसा सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार प्राइवेट बस में सवार लोग हरिद्वार से वापस सीतापुर जा रहे थे। इसी दौरान मिलक हाइवे पर स्थित रिलायंस पेट्रोल पंप के सामने दोनों बसों में आमने- सामने भिड़ंत हो गई। इस टक्कर में लगभग 50 यात्रियों के घायल होने के साथ 4 लोगों की मौत हो गई। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां पर उनका इलाज चल रहा है। सवाल यह उठ रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद ऐसी घटनाओं को रोकने के जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही के कारण होने वाली इन दुर्घटनाओं का जिम्मेदार कौन है?

रूट डायवर्जन के कारण रॉन्ग साइड आ रही थी प्राइवेट बस 

पूरा मामला रामपुर जिले में थाना मिलक नगर का है। यहां से गुजरने वाले दिल्ली हाइवे पर सुबह करीब साढ़े चार बजे रोडवेज बस और एक प्राइवेट बस की आमने-सामने भिड़ंत हो गई। जिससे दोनों बसों के परखच्चे उड़ गए। दोनों बसों में 100 से अधिक यात्री सवार थे, जिनमें से 4 की मौके पर ही मौत हो गई और 50 से अधिक यात्री घायल हो गए। घायल यात्रियों को किसी तरह आनन फानन उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है। जिनमें लगभग 40 से अधिक यात्रियों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। वहीं अन्य यात्रियों का मिलक के सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

घायलों मे प्राइवेट बस से श्रावस्ती के 60 से ज्यादा यात्री गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हरिद्वार स्थित शांतिकुंज गए थे। सभी शांतिकुंज से वापस घर के लिए रवाना हुए थे। वहीं रोडवेज बस लखनऊ से रवाना हुई थी। जिसमें ज्यादातर यात्री सीतापुर के सवार थे जो दिल्ली जा रहे थे। रूट डायवर्जन के कारण प्राइवेट बस रॉन्ग साइड आ रही थी, जिसके कारण इतना बडा हादसा हुआ। 

जिलाधिकारी और एसपी सहित अन्य अधिकारियों ने घटना स्थल पहुंचकर लिया जायजा 

जिलाधिकारी जोगिंदर सिंह, एसपी विद्यासागर मिश्र, एडिशनल एसपी अतुल श्रीवास्तव, सीओ आरएस परिहार व कोतवाल धनंजय सिंह भी घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे। उन्होंने दोनों बसों को हाइवे से हटवाया तथा अस्पताल पहुंचकर घायलों की जानकारी ली। वहीं जिला अस्पताल में रेफर किए गए घायलों को देखने के लिए भी जिला प्रशासन के आला अफसर पहुंचे।

रूट डायवर्जन पर निगरानी की व्यवस्था होती तो नहीं होता हादसा

मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने सावन माह के शुरू होने के लगभग 1 माह पहले संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि सावन में दर्शन करने वाले यात्रियों के आवागमन के लिए बसों को स्वच्छ रखते हुए उनकी फिटनेस कराई जाए। यातायात संबंधी व्यवस्था के साथ सड़कें दुरुस्त कराई जाएं। उन्होंने श्रद्धालुओं आवागमन के दौरान के लिए समुचित व्यवस्था कराने के निर्देश भी दिए थे लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद सावन के इस महीने में मुस्तैदी नहीं दिखाई। जिम्मेदार मान रहे हैं कि रूट डायवर्जन होने पर वाहनों के आवागमन की उचित व्यवस्था और निगरानी का इंतजाम होता तो संभवत इस तरह का हादसा नहीं होता।

 

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