बसन्त पंचमी बुधवार को, जानिये कैसे करें पूजन
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी अर्थात बसन्त पंचमी 14 फ़रवरी बुधवार को सूर्योदय के समय से ही लग जाएगी और सूर्यास्त तक रहेगी। रेवती नक्षत्र और शुभ योग की युति इस वर्ष की वसन्त पंचमी को विशेष बना रहे हैं।
वाणी, लेखन, प्रेम, सौभाग्य, विद्या, कला, संगीत और सृजन आदि की देवी माँ सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करने का सर्वोत्तम दिन यही है।
उबटन लगाना उत्तम
पंडित शक्तिधर त्रिपाठी के अनुसार इस दिन बेसन और तेल का उबटन लगाना उत्तम होता है।
मंत्र का करें जाप
माता सरस्वती के पूजन से पूर्व पीले रंग के चावल से अष्टदल कमल बनाकर उस पर कलश रखें। कलश में गेहूं या जौ की बाली रखना चाहिए। पूजन के पश्चात् माता के बीज मंत्र “ओम् ऐं” का जप करें तथा केसर और हल्दी मिश्रित हलवे से हवन करना चाहिए।
विशेष महत्व क्यों :
— इसी दिन दंडक वन (गुजरात के डांग जिले) में स्थित शबरी आश्रम में श्री राम जी पधारे थे।
— माँ शारदे का जन्म हुआ था।
—- रति काम महोत्सव मनाया जाता है।
—-शक्ति ज्योतिष केन्द्र के अनुसार आज के दिन पूजा करने से चित्त की चंचलता, अनिद्रा, सिर दर्द, तनाव और विस्मृति से मुक्ति मिलती है।
- पण्डित शक्तिधर त्रिपाठी
शक्ति ज्योतिष केन्द्र, लखनऊ (यूपी)
मोबाइल नंबर - 9450422853


टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें