'चिठ्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है...' से हर घर तक पहुंचे पंकज उधास ने दूसरी दुनिया को कूच किया
मुंबई। फिल्म 'नाम' में 'चिठ्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है...' तथा 'निकलो ना बेनकाब जमाना खराब है...' और 'चांदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसा बाल...' जैसी लोकप्रिय गजल काे अपनी जादुई आवाज से अमर कर देने वाले पंकज उधास की आवाज हमेशा के लिए शांत हो गई है। अपनी जादुई आवाज से फैंस का दिल जीतने वाले गायक पंकज उधास का 72 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया।
उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। उनकी बेटी नायब उधास ने निधन की जानकारी देते हुए अपनी एक पोस्ट में लिखा, 'हमें आपको यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि पद्मश्री पंकज उधास का निधन हो गया है। पिछले 10 दिन से उनका इलाज चल रहा था। पंकज उधास का अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा।'
पंकज उधास ने छह साल की उम्र में संगीत की दुनिया में अपना करियर शुरू किया था। गायन का संस्कार उन्हें अपने घर से ही मिला था। उन्होंने संगीत की दुनिया में कदम रखा और यहीं के होकर रह गये। अपनी ग़ज़ल गायक की के जरिए उन्होंने संगीत की दुनिया में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई। ग़ज़ल की दुनिया का उन्हें बेताज बादशाह माना जाता है। फिल्म नाम के गाने ने तो उन्हें घर-घर तक पहुंचा दिया था।

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