अडानी ग्रुप का साथ मिला युवा ग्रैंडमास्टर प्रग्गनानंद को


अहमदाबाद/नई दिल्ली। दुनिया को अपने हुनर से प्रभावित करने वाले देश के उभरते शतरंज खिलाड़ियों में से युवा ग्रैंडमास्टर आर प्रग्गनानंद के करियर को अडानी ग्रुप का साथ मिला है। 18 वर्षीय प्रग्गनानंद की बड़ी बहन आर. वैशाली भी ग्रैंडमास्टर हैं। ये बात इन्हें दुनिया की पहली भाई-बहन जीएम जोड़ी बनाती है।

प्रग्गनानंद का समर्थन करने पर बेहद गर्व 

चेन्नई निवासी युवा शतरंज खिलाड़ी से मुलाकात के बाद अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा, ‘हमें गतिशील प्रग्गनानंद का समर्थन करने पर बेहद गर्व है। जिस गति और दक्षता के साथ उन्होंने खेल में प्रगति की है, वह वास्तव में अद्भुत है और यकीनन सभी भारतीयों के लिए उदाहरण है। देश का प्रतिनिधित्व करने और उच्चतम स्तर पर सम्मान जीतने से ज्यादा महान कुछ भी नहीं है। अडानी ग्रुप इस यात्रा में एथलीटों का सपोर्ट करने के लिए पूरे दिल से समर्पित है।‘

क्षमताओं पर भरोसा करने के लिए धन्यवाद 

इस अवसर पर प्रग्गनानंद ने कहा, ‘मैं यह सुनिश्चित करने के लिए बेहद उत्सुक हूं कि मेरा देश वैश्विक मंच पर अच्छा प्रदर्शन करे। मैं जब भी खेलता हूं तो मेरा एकमात्र लक्ष्य देश के लिए और अधिक सम्मान जीतना होता है। मैं अडानी ग्रुप को मेरी क्षमताओं पर भरोसा करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।‘

अडानी ग्रुप अन्य खिलाड़ियों को भी करता रहा है सपोर्ट

अडानी ग्रुप ने अपनी गर्व है पहल के माध्यम से मुक्केबाजी, कुश्ती, टेनिस, भाला फेंक, शूटिंग, रनिंग, शॉटपुट, ब्रिस्क वाकिंग और तीरंदाजी जैसे खेलों में 28 प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को सपोर्ट किया है। लाभान्वित होने वालों में राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता पहलवान रवि कुमार दहिया, दीपक पुनिया और मुक्केबाज अमित पंघाल भी शामिल हैं। दहिया और पुनिया ने 2020 में टोक्यो ओलंपिक 2020 और 2023 एशियाई खेलों में भी रजत पदक हासिल किए हैं।

सन 2023 में दुनिया ने देखा जलवा 

वर्ष 2023 में प्रग्गनानंद विश्वकप फाइनल में पहुंचने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के शतरंज खिलाड़ी बन थे। विश्वनाथन आनंद के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह दूसरे भारतीय बने। शर्मीले और मृदुभाषी प्रग्गनानंद ने वर्ष 2022 में मैग्नस कार्लसन को कई बार हराकर शतरंज की दुनिया में सुर्खियां बटोरीं। वे अभिमन्यु मिश्रा, सर्गेई कारजाकिन, गुकेश डी और जावोखिर सिंदारोव के बाद ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल करने वाले पांचवें सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं। 

गणित से है बेहद लगाव 

प्रग्गनानंद को गणित विषय से बहुत प्रेम है। टीवी देखने व तमिल संगीत सुनने से उन्हें काफी सुकून मिलता है। उन्होंने वर्ष 2023 में हांग्जो एशियाई खेलों में रजत पदक भी जीता था। प्रग्गनानंद ने पांच साल की उम्र में खेलना शुरू कर दिया था। वर्ष 2018 में महज 12 साल की उम्र में वे भारत के सबसे युवा और तत्कालीन दुनिया के दूसरे सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बन गए। 


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