बिजली अभियन्ताओं ने मनायी नेताजी की जन्म जयंती, अर्पित किए श्रद्धा सुमन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ ने आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती एवं विद्युत अभियंताओं के 1973 के ऐतिहासिक संघर्ष की स्मृति में ‘अभियन्ता एकात्म दिवस’ मनाया। इस अवसर पर नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वर्ष 1973 के ऐतिहासिक संघर्ष को याद किया गया। प्रदेश भर के विद्युत अभियन्ताओं ने वीसी के माध्यम से कार्यक्रम में जुड़कर ऊर्जा निगमों को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने एवं बेहतर उपभोक्ता सेवा प्रदान करने का पुनः संकल्प व्यक्त करते हुए ऊर्जा निगमों में प्रबन्धन स्तर पर विशेषज्ञ विद्युत अभियन्ताओं की तैनाती किये जाने तथा सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण किये जाने की मांग की। साथ ही मार्च, 2023 के आन्दोलन के दौरान की गयी समस्त कार्यवाहियों को अतिशीघ्र समाप्त किये जाने की मांग की।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता ऑल इंडिया पावर इंजीनियर फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने सभा को सम्बोधित करते हुए बताया कि 51 वर्ष पूर्व 1973 में अभियन्ताओं के संघर्ष के परिणामस्वरूप आज ही के दिन तत्कालीन मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश की विधानसभा में यह घोषणा की थी कि विद्युत परिषद का चेयरमैन एक बिजली इंजीनियर होगा। व्यवस्था में इस रचनात्मक परिवर्तन के बाद उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद देश में अग्रणी संस्था बनी और एक बिजली इंजीनियर के चेयरमैन रहते हुए उत्तर प्रदेश के विद्युत अभियंताओं की धाक देशभर में मानी जाती थी।
यूपीएसईबी के चेयरमैन और प्रमुख सचिव ऊर्जा के पद पर 1973 में अभियन्ताओं की तैनाती के बाद सिंचाई विभाग के विभागाध्यक्ष को भी प्रमुख सचिव सिंचाई का दायित्व दिया गया था। परिणामस्वरूप 70 का दशक अभियन्त्रण सेवाओं का स्वर्णिम काल साबित हुआ। उत्तर प्रदेश देश मे सबसे पहले 100 मेगावाट, 200 मेगावाट की उत्पादन इकाइयां तथा 400 केवी एवं 765 केवी पारेषण लाइनों, उपकेन्दों एवं छिबरो में भूगर्भ जल विद्युत गृह निर्माण करने वाला प्रान्त बना। अभियन्त्रण और विकास में उत्तर प्रदेश पूरे देश का अग्रणी प्रान्त बन गया था। एनटीपीसी, एनएचपीसी, पॉवर ग्रिड कारपोरेशन की स्थापना में उप्र के बिजली इंजीनियरों की प्रमुख भूमिका रही है। केन्द्र सरकार के सभी अभियन्त्रण निगमों में प्रबंधन आज भी अभियन्ताओं के पास है। इसी के चलते ये उपक्रम सफलतापूर्वक नए कीर्तिमान बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है कि विशेषज्ञ सेवाओं को पुनः स्थापित किया जाए और उत्तर प्रदेश में बिजली निगमों का प्रबंधन योग्य विशेषज्ञ विद्युत अभियंताओं को सौंपा जाए। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सपनों का भारत निर्माण करने में हम अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा से पालन कर सके, नेताजी के प्रति यही हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के अध्यक्ष इं. राजीव सिंह एवं महासचिव जितेन्द्र सिंह गुर्जर ने अपनी एकता बनाये रखने, आत्मनिर्भर ऊर्जा निगम बनाने, विद्युत व्यवस्था में सुधार व बेहतर उपभोक्ता सेवा प्रदान करने के लिए सभी तकनीकी विकल्पों पर विचार कर अमल किये जाने का सुझाव भी दिया एवं 19 मार्च 2023 को ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते के अनुरूप विगत मार्च 2023 के आन्दोलन के दौरान हुई समस्त अनुशासनात्मक/उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों को अतिशीघ्र समाप्त किये जाने की मांग की। केन्द्रीय पदाधिकारियों समेत अन्य सदस्यों ने नेता जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके जीवन, उनके आदर्शों एवं संघर्ष करने के विचार साझा किए।
हाईडिल फील्ड हॉस्टल लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में इं. रणवीर सिंह, इं. आलोक कुमार श्रीवास्तव, इं. रविकान्त यादव, इं. अजय द्विवेदी, इं. सौरभ सिंह यादव, इं. देवेन्द्र बहादुर सिसोदिया, इं. विजय तिवारी, इं. गौरव ओझा, इं. राहुल सिंह, इं. हरीश अवस्थी, इं. सौरभ और इं. शिवनाथ समेत काफी संख्या में अभियन्ता उपस्थित रहे।


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