सूर्य षष्ठी व्रत कल 17 नवंबर से



कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से आरम्भ होकर 36 घंटों तक चलने वाला कठिन 
सूर्य षष्ठी व्रत कल शुक्रवार 17 नवंबर से आरम्भ होगा।
सन्तान प्राप्ति, सन्तान की लंबी आयु और आरोग्य आदि का यह व्रत पुरुष और स्त्री दोनों के द्वारा किया जा सकता है।

प्रथम दिवस — चतुर्थी, शुक्रवार - नहाए खाए।

द्वितीय दिवस — पंचमी, शनिवार - खरना।

तृतीय दिवस — षष्ठी रविवार, सायं क़ालीन अर्घ्य।

चतुर्थ दिवस — सप्तमी सोमवार, प्रातः कालीन अर्घ्य।

शास्त्रों में षष्ठी को सूर्य की बहन बताया गया है। इन्हें उषा देवी की संज्ञा प्राप्त है। इनकी कृपा से ही श्री कृष्ण पुत्र साम्ब रोग मुक्त हुए थे।

पण्डित शक्तिधर त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य,

शक्ति ज्योतिष केन्द्र, लखनऊ (यूपी)

मोबाइल नंबर - +91 9450 422 853

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