असम सरकार ने बुलडोजरों को लगाकर मदरसा ढहाया


असम। पूर्वोत्तर के असम में सरकार अवैध तरीके से संचालित और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल मदरसों पर सख्त कार्रवाई कर रही है। राज्य के बोंगाईगांव जिले में बुधवार 31 अगस्त को एक और मदरसे के भवन को ढहाने की कार्रवाई की गई। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में बुलडोजरों ने मदरसा भवन को जमींदोज करने की कार्रवाई को अंजाम दिया।  

बोंगाईगांव जिले के कबाईटरी पार्ट-प्ट गांव में स्थित मरकजुल मा-आरिफ क्वारियाना मदरसा के भवन को बुलडोजरों से तोड़ने का काम किया गया। मदरसा ढहाने की इस कार्रवाई के दौरान जिले पुलिस कप्तान स्वप्निल डेका ने मीडिया के सवालों पर कहा, ‘मदरसा में चाय की दुकान से पुलिस ने एबीटी से जुड़े विवादास्पद पर्चे बरामद किए। मदरसा अवैध था, इसलिए इसे गिरा दिया गया। बच्चों को उनके माता-पिता के पास भेज दिया गया है। यहां कुल 16 शिक्षक थे, जिनसे पूछताछ की जाएगी।’

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के निर्देश के अनुसार हमने मदरसा को ध्वस्त करने की प्रक्रिया की है। एसपी स्वप्निल डेका ने कहा कि 30 अगस्त को गोलपारा जिला पुलिस ने मदरसे में एक्यूआईएस व एबीटी से जुड़े एक गिरफ्तार व्यक्ति के साथ तलाशी अभियान भी चलाया था। 

मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई के दे रखे हैं निर्देश 

असम में अलकायदा से ताल्लुक रखने वाले जिहादी मॉड्यूल भारतीय उपमहाद्वीप एक्यूआईएस और बांग्लादेश में प्रतिबंधित अंसारुल्लाह बांग्ला टीम एबीटी काफी समय से सक्रिय हैं। एक्यूआईएस और एबीटी बांग्लादेश से लगे भारत के सीमावर्ती राज्यों में अवैध गतिविधियों को संचालित करने के कारण देश की सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर हैं। इन दोनों संगठनों की सक्रियता असम कुछ ज्यादा ही है, इसलिए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने इन पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दे रखे हैं। असम में हाल के दिनों में जारी कार्रवाई के दौरान एक्यूआईएस और एबीटी से जुड़े इमाम और मदरसा शिक्षकों सहित 37 लोगों की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार द्वारा ध्वस्त किया गया यह तीसरा मदरसा है।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

यूपी : विद्युत अभियंताओं के चुनाव में संजय सिंह चौहान अध्यक्ष व जितेंद्र सिंह गुर्जर पुन: महासचिव निर्वाचित

चंद्र ग्रहण रविवार 07 सितम्बर को, जानिए किन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव और क्या करें उपाय

नये संकल्पों के साथ मैदान में उतरेगा वैश्य समाज : डॉ. नीरज बोरा