शिक्षक की मटकी से पानी पीने की सजा मिली मौत

नई दिल्ली। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, पर समाज अभी भी छुआछूत, जात-पांत और भेदभाव से मुक्त नहीं सका है। छोटी-बड़ी जातियों वाली सोच अभी तक समाज में जड़े जमाए हुए है। राजस्थान के जालौर की ऐसी ही हृदय विदारक घटना सुर्खियों में है, जहां एक शिक्षक ने इसलिए इतनी बेरहमी से एक बच्चे को पीटा कि उस दलित बिरादरी के बच्चे ने बड़ी जाति के हेड मास्टर छैल सिंह की मटकी से पानी पी लिया था। बेदर्दी से मारे गए बच्चे ने शनिवार 13 अगस्त को दम तोड़ दिया। 

राजस्थान के जालौर के सायला क्षेत्र के सुराणा स्थित सरस्वती विद्यालय में नौ वर्षीय इंद्र कुमार तीसरी कक्षा का छात्र था। बीती 20 जुलाई को उसने प्यास लगने पर स्कूल में अलग रखी हेड मास्टर छैल सिंह की मटकी से पानी पी लिया। परिजनों का आरोप है कि पानी पीने की जानकारी मिलने पर छैल सिंह ने उसे बुरी तरह से मारा। गंभीर अवस्था में परिजन उसे ले गए।

इंद्र कुमार के चाचा किशोर मेघवाल का आरोप है कि उसे स्थानीय स्तर पर दवा दिला दी गई। हम लोग उसकी इतनी गंभीर चोट का अंदाजा नहीं लगा सके। तबीयत बिगड़ने पर उसे शहर लेकर भागे। फिर अहमदाबाद ले गए, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

छैल सिंह ने समझौते के लिए दबाव बनाया

इंद्र कुमार के चाचा किशोर मेघवाल का आरोप है कि मामला बिगड़ने की जानकारी मिलने पर हेड मास्टर छैल सिंह गांव के स्तर पर दबाव बनाने लगा और समझौते के लिए रुपयों की पेश भी की। उसने दबाव डाल कर समझौता करा लिया। चार दिन पहले उसने डेढ़ लाख रुपया भी दिया।

पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया

चाचा का कहना है कि डॉक्टरों ने बच्चे की एमआरआई की, जिसमें कान के नीचे गहरी चोट बताई थी। इस मामले में जालौर की पुलिस का कहना है कि शनिवार को उसकी मौत की जानकारी मिलने के बाद छैल सिंह को हिरासत में ले लिया गया है। मामले की छानबीन की जा रही है। पुलिस अधीक्षक भी स्कूल गए थे। शिक्षा विभाग ने भी इस मामले में दो सदस्यीय कमेटी बनाकर मामले की रिपोर्ट मांगी है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

मायावती ने नाराजगी जताई, कांग्रेस सरकार को बर्खास्त करने की मांग की 

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने इस मामले में कहा कि राजस्थान के जालौर जिले के सुराणा में प्राइवेट स्कूल के 09 साल के दलित छात्र द्वारा प्यास लगने पर मटके से पानी पीने पर सवर्ण जाति के जातिवादी सोच के शिक्षक ने उसे इतनी बेरहमी से पीटा कि कल उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। इस हृदय विदारक घटना की जितनी निन्दा व भर्त्सना की जाए वह कम। उन्होंने कहा कि राजस्थान में आए दिन ऐसी जातिवादी दर्दनाक घटनाएं होती रहती हैं। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस की सरकार वहां खासकर दलितों, आदिवासियों व उपेक्षितों आदि के जान व इज्जत-आबरू की सुरक्षा करने में नाकाम है। अतः इस सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाये तो बेहतर होगा।

जिग्नेश मेवाणी ने ट्वीट पर मामला उठाया

राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के कंविनर और विधायक जिग्नेश मेवाणी ने इस मामले को बच्चे की फोटो के साथ ट्वीट करते हुए उठाया। उन्होंने कहा कि ऐसी दिल दहला देने वाली घटना और आजादी के 75 साल के क्या मायने हैं हमारे लिए। उन्होंने इस मामले को लेकर फेसबुक लाइव करने की बात भी कही। 

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