स्वाधीनता दिवस समारोह: भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने मांगा आशीर्वाद, ‘पंच प्रण’ का भी संकल्प दिलाया

नई दिल्ली। स्वाधीनता दिवस की 76वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगले 25 वर्षों का खाका देशवासियों के सामने रखकर भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद पर कड़ा प्रहार करते हुए इससे लड़ने के लिए सभी का आशीर्वाद मांगा। सोमवार को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने आजादी के अमृत काल के लिए ‘पंच प्रण’ 1. विकसित भारत, 2. गुलामी के हर अंश से मुक्ति, 3. विरासत पर गर्व, 4. एकता और एकजुटता और 5. नागरिकों का कर्तव्य को देशवासियों के सामने रखते हुए कहा कि आने वाले 25 साल के लिए हमें इन पर अपनी शक्ति, संकल्पों और सामर्थ्य को केंद्रित करना होगा।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी के समाधि स्थल पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। वहां से प्रधानमंत्री लाल किला पहुंचे। स्वाधीनता दिवस पर लगातार नौवीं बार देश को संबोधित करने वाले नरेन्द्र मोदी पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं।

लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी ने युवा पीढ़ी से देश के अगले 25 वर्ष में विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को पूरा करने का आह्वान करते हुए कहा कि देश के सामने भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद व परिवारवाद दो बड़ी चुनौतियां हैं। मोदी ने कहा, ‘भ्रष्टाचारी कीचड़ हैं, इनसे घृणा करें।’ उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों के प्रति किसी भी तरह की उदारता किसी भी देश को शोभा नहीं देती।

‘एक वो लोग और एक ये लोग’

उन्होंने कहा कि जब मैं भाई-भतीजावाद और परिवारवाद की बात करता हूं तो लोगों को लगता है कि मैं सिर्फ राजनीति की बात कर रहा हूं। जी नहीं, दुर्भाग्य से राजनीतिक क्षेत्र की उस बुराई ने हिन्दुस्तान के हर संस्थान में परिवारवाद को पोषित कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘एक तरफ वो लोग हैं, जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है और दूसरी तरफ वो लोग हैं जिनके पास चोरी किया माल रखने की जगह नहीं है। ये स्थिति अच्छी नहीं है।’

02 लाख करोड़ रुपये बचाकर देश की भलाई में लगाया

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 08 वर्षों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के द्वारा आधार, मोबाइल जैसी आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग करते हुए गलत हाथों में जाने वाले 02 लाख करोड़ रुपये को बचाकर उसे देश की भलाई में लगाने में हम कामयाब हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ना है। ये ठीक है कि चुनौतियां बहुत हैं। अगर इस देश के सामने करोड़ों संकट हैं, तो इतने ही समाधान भी हैं। मेरा 130 करोड़ देशवासियों पर भरोसा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि निर्धारित लक्ष्य के साथ, संकल्प के प्रति समर्पण के साथ जब 130 करोड़ देशवासी आगे बढ़ते हैं तो हिन्दुस्तान 130 कदम आगे बढ़ जाता है।

अमृत काल में अब ‘जय अनुसंधान’ भी 

प्रधानमंत्री ने कहा कि न सिर्फ हिन्दुस्तान का हर कोना बल्कि दुनिया के हर कोने में आज हमारा तिरंगा आन-बान-शान के साथ लहरा रहा है। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी द्वारा दिया गया जय जवान, जय किसान का मंत्र आज भी देश के लिए प्रेरणा है। अटल जी ने जय विज्ञान कह कर उसमें एक कड़ी और जोड़ दी थी, लेकिन अब अमृत काल के लिए एक और अनिवार्यता है, वो है जय अनुसंधान। मोदी ने कहा, ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान।’ 

‘विरासत पर हमें गर्व होना चाहिए’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि देश के युवाओं को असीम अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराई तक रिसर्च के लिए भरपूर मदद मिले। इसलिए हम स्पेस मिशन और डीप ओशिएन मिशन का विस्तार कर रहे हैं। स्पेस और समंदर की गहराई में ही हमारे भविष्य के लिए जरूरी समाधान है। कहा, आजादी के दशकों बाद पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है। विश्व, भारत की तरफ अपेक्षा से देख रहा है। समस्याओं का समाधान अब दुनिया भारत की धरती पर खोजने लगी है। विश्व की सोच में ये परिवर्तन 75 साल की हमारी यात्रा का परिणाम है। हमारी विरासत पर हमें गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब हम अपनी धरती से जुड़ेंगे, तभी तो ऊंचा उड़ेंगे। जब हम ऊंचा उड़ेंगे, तभी हम विश्व को भी समाधान दे पाएंगे।

सनातन संस्कृति और संस्कार को भी सामने रखा

प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सनातन संस्कृति और संस्कार का जिक्र करते हुए कहा कि हम वो लोग हैं, जो जीव में शिव देखते हैं। हम वो लोग हैं, जो नर में नारायण देखते हैं। हम वो लोग हैं, जो नारी को नारायणी कहते हैं। हम वो लोग हैं, जो पौधे में परमात्मा देखते हैं। हम वो लोग हैं, जो नदी को मां मानते हैं, हम वो लोग हैं, जो कंकड़-कंकड़ में शंकर देखते हैं। मोदी ने महिलाओं के प्रति असम्मान प्रदर्शित करने वालों पर खिन्नता प्रकट करते हुए कहा कि महिलाओं को सम्मान दिया जाना दिया जाना चाहिए।

‘हर भाषा पर गर्व होना चाहिए’

उन्होंने भाषा को लेकर भी अपनी बात रखी। कहा कि हमने देखा है कि कभी कभी हमारे लोग भाषा के बंधनों में बंध जाते हैं। ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है। हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए। मोदी ने कहा कि कल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस बड़े भारी मन से मनाया। उन कोटि-कोटि जनों ने तिरंगे की शान और मातृभूमि की मिट्टी से प्यार के कारण बहुत कुछ सहन किया था, लेकिन धैर्य नहीं खोया। उन्होंने कहा कि नई जिंदगी की शुरुआत करने का उनका संकल्प नमन करने योग्य है।

तिरंगे को पहली बार मेड इन इंडिया तोप ने सलामी दी

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वदेशी की भावना का गर्व के साथ उल्लेख करते हुए कहा कि आजादी के 75 साल के बाद जिस आवाज को सुनने के लिए हमारे कान तरस रहे थे। वो आवाज आज सुनाई दी है। 75 साल के बाद लाल किले पर तिरंगे को सलामी देने का काम पहली बार मेड इन इंडिया तोप ने किया है। उन्होंने कहा कि मैं आज देश की सेना के जवानों का हृदय से अभिनंदन करता हूं। 

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