नीतीश ने तेजस्वी संग राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया, 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा
- महागठबंधन के साथ एक निर्दल सहित 07 पार्टियों के विधायक
पटना/नई दिल्ली। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद महागठबंधन के नेता चुने गए नीतीश कुमार बिहार में अगली सरकार बनाने के लिए मंगलवार शाम को दोबारा राजभवन पहुंचे। राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के साथ राज्यपाल फागू चौहान के मिलकर उन्होंने राज्य में नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। महागठबंधन की सरकार बनाने संबंधी विधायकों का समर्थन का पत्र भी सौंपा।
महागठबंधन के विधायकों का यह है गणित
कार्यवाहक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा कि महागठबंधन में निर्दलीय को मिलाकर 164 विधायकों समेत 07 पार्टियां हैं। इस दौरान उनके साथ महागठबंधन के साथी आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी थे। महागठबंधन में आरजेडी के 79, जेडीयू के 45, कांग्रेस के 19, तीन वामपंथी दलों सीपीआई, सीपीएम और माले के 16, जीतन राम मांझी पार्टी हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा हम के 04 और 01 निर्दलीय विधायक हैं। इन्हीं के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा गया है।
‘जेडीयू को तोड़ने में लगी थी भाजपा’
इससे पहले कार्यवाहक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जनता दल यूनाइटेड के दोनों सदनों के सांसदों और सभी विधायकों तथा विधान पार्षदों के साथ मीटिंग आज हुई। सभी की इच्छा यही थी कि हमें एनडीए को छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सबकी इच्छा के अनुसार मैंने एनडीए सरकार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी लगातार उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश में लगी हुई थी।
भाजपा गठबंधन करने वाले दलों को नष्ट कर देती है: तेजस्वी
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा का कोई गठबंधन सहयोगी नहीं है। इतिहास बताता है कि भाजपा उन दलों को नष्ट कर देती है, जिनके साथ वह गठबंधन करती है। हमने देखा कि पंजाब और महाराष्ट्र में क्या हुआ। उन्होंने कहा कि बिहार में जो भी हो रहा था वो किसी से छुपा नहीं था। जनता विकल्प चाहती है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला। नीतीश कुमार ने अपना काम किया। इन्होंने नरेंद्र मोदी के सामने ये मांग रखी लेकिन इनकी मांग को नहीं माना गया। तेजस्वी ने कहा कि हमारे पूर्वजों की विरासत कोई नहीं ले सकता। हम नीतीश कुमार के साथ-साथ लालूजी को भी धन्यवाद देते हैं। हम सभी चाहते थे कि बिहार में भाजपा का एजेंडा लागू न हो। उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि लालूजी ने आडवाणी जी का रथ रोका था।
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