ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी से झाड़ा पल्ला, बोलीं - कोई गलत गतिविधियों में शामिल होगा तो समर्थन नहीं करेंगे
- ईडी की मांग पर विशेष अदालत ने पार्थ चटर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी उनके मंत्रिमंडल के साथी पार्थ चटर्जी से सोमवार को पल्ला झाड़ती दिखीं। उन्होंने पार्थ चटर्जी पर प्रवर्तन निदेशालय ईडी की कार्रवाई के बाद पहली बार प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘अगर कोई गलत गतिविधियों में शामिल रहा है तो हममें से कोई भी हस्तक्षेप नहीं करेगा। चाहे वो कितना भी कठोर फैसला क्यों न झेले। हम उनका समर्थन नहीं करेंगे।
ईडी ने कोलाकाता में शिक्षा सेवा आयोग एसएससी में घोटाले के आरोप में शुक्रवार 22 जुलाई को छापेमारी की कार्रवाई शुरू की थी। 23 जुलाई को पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री और राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। ईडी ने पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को भी उनके घर से करीब 21 करोड़ रुपये बरामद होने के बाद गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि एसएससी घोटाले की रकम अर्पिता मुखर्जी के यहां रखी जा रही थी, जिसे ईडी ने बरामद किया है।
पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद पहली बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 25 जुलाई को एक कार्यक्रम में अपनी बात रखी। उन्होंने पार्थ चटर्जी का नाम लिये बिना कहा कि एक निश्चित समय सीमा के अंदर सच्चाई के आधार पर फैसला दिया जाना चाहिए। अगर कोई दोषी पाया जाता है तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी जाती है।
इस बीच विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान ईडी ने पश्चिम बंगाल के मंत्री और राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की 14 दिनों की हिरासत की मांग की। अदालत ने इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सोमवार 25 जुलाई को दिन में ईडी पार्थ चटर्जी का मेडिकल चेकअप कराने के लिए उन्हें भुवनेश्वर एम्स में लेकर गई थी। ईडी ने अदालत के समक्ष पार्थ चटर्जी की मेडिकल रिपोर्ट पेश की, जिससे पता चलता है कि वो स्वस्थ हैं और उनका स्वास्थ्य स्थिर हैं। ईडी का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट में कुछ भी गलत नहीं है। वो सरकारी अस्पताल में रहने के लिए अपने पद का फायदा उठा रहे हैं। वो स्वस्थ हैं और उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है। इसी आधार पर विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान ईडी ने पार्थ चटर्जी की 14 दिनों की हिरासत की मांग की है। ईडी ने पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को भी 25 जुलाई को कोलकाता की विशेष अदालत पेश किया। अर्पिता को भी ईडी रिमांड पर लेना चाह रही है।
इस मामले में पार्थ चटर्जी के वकील का कहना है कि पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार करने के लिए उच्च न्यायालय से कोई निर्देश नहीं थे। ईडी बिना समन के उनके घर गई और 30 घंटे तक पूछताछ की। उन्हें 22 जुलाई को ईडी ने हिरासत में लिया था। उनकी हिरासत के 03 दिन पहले ही पूरे हो चुके हैं।



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