घोटालों की तपिश से बेचैन ममता ने पार्थ चटर्जी को अपनी सरकार से बर्खास्त किया
नई दिल्ली। कोलकाता में बीती 22 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय ईडी के छापों के बाद बेहिसाब संपत्ति बटोरने के आरोपों से घिरे अपनी सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी को आखिरकार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने छठे दिन गुरुवार को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के दो फ्लैट से करीब 50 करोड़ रुपये कैश और लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये के गहने ईडी अब बरामद कर चुकी है।
घोटालों की तपिश से बेचैन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भरोसेमंद साथी और तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्य पार्थ चटर्जी को बर्खास्त किए जाने के साथ ही 28 जुलाई को हावड़ा के नबन्ना में उनकी नेम प्लेट भी उनके कक्ष के दरवाजे से उखाड़ दी गई। पार्थ चटर्जी अभी तक ममता सरकार में उद्योग एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री थे। उन पर पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री रहने के दौरान सन 2016-21 की अवधि में स्कूल सर्विस कमीशन एसएससी में विभिन्न पदों पदों पर भर्तियों के दौरान भारी घोटाला करने का आरोप है।
ममता बोलीं, ‘मेरी पार्टी सख्त कार्रवाई करती है’
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनको बर्खास्त करने के बाद पहली प्रतिक्रिया में कहा, ‘मैंने पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटा दिया है। मेरी पार्टी सख्त कार्रवाई करती है। इसके पीछे कई कारण हैं लेकिन मैं विवरण में नहीं जाना चाहती।’ बाद में पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से कहा गया कि भर्ती घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी 28 जुलाई से अपने विभागों के प्रभारी मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों से मुक्त हो गए हैं।
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बर्खास्त किये गये मंत्री पार्थ चटर्जी के उद्योग और अन्य विभागों को अपने पास रखा है। जानकार बता रहे हैं कि आज ही राज्य कैबिनेट की बैठक हुई थी, पर उसमें पार्थ चटर्जी को कैबिनेट से हटाने के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई। बैठक के बाद ममता बनर्जी ने उनको पद से हटाने के संबंध में निर्णय लिया, तभी सभी को इसके बारे में जानकारी हुई।
अर्पिता के दो फ्लैट से मिले 50 करोड़ कैश ने ममता को दूरी बनाने को विवश किया
ईडी ने पश्चिम बंगाल में बीती 22 जुलाई को राज्य में 14 जगहों पर एक साथ छापा मारा था। इसमें पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के आवास पर भी ईडी की टीम पहुंची थी। अर्पिता के यहां से करीब 22 करोड़ रुपये कैश और एक करोड़ के जेवर मिले थे। उनके यहां से एक काली डायरी भी मिली। इसके बाद पहले पार्थ चटर्जी को 23 जुलाई को कोलकाता के उनके आवास से ईडी ने गिरफ्तार किया। फिर अर्पिता भी गिरफ्तार कर ली गई। इन दोनों से पूछताछ और काली डायरी के पन्नों की छानबीन के बाद ईडी ने 27 जुलाई को अर्पिता के एक और फ्लैट पर छापा मारा। यहां से करीब 28 करोड़ रुपये कैश और साढ़े तीन करोड़ रुपये जेवर और मिले। दोनों फ्लैट से 50 करोड़ कैश और लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये के गहनों की बरामदगी ने ममता को पार्थ से दूरी बनाने के लिए विवश किया।

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