तिरंगे को 75 साल पहले हमारे राष्ट्र ध्वज के रूप में आज ही के दिन मिली थी मान्यता
- कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने नेहरू जी की तस्वीर के साथ कही अपनी बात
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को भारत के राष्ट्र ध्वज को लेकर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की एक तस्वीर को सोशल मीडिया के जरिये साझा किया। उन्होंने नेहरू जी की तस्वीर के साथ लिखा, ‘देश की शान है हमारा तिरंगा।’
राहुल गांधी ने फेसबुक के जरिये अपनी बात को साझा करते हुए कुछ सवाल भी उठाये। उन्होंने कहा कि 75 साल पहले 22 जुलाई 1947 यानी आज ही के दिन तिरंगे को हमारे राष्ट्र ध्वज के रूप में मान्यता दी गई थी। उन्होंने याद दिलाया कि हमारे तिरंगे में केसरिया रंग साहस और बलिदान का प्रतीक है। सफेद रंग सच्चाई, शांति और पवित्रता की निशानी और हरे रंग को संपन्नता का प्रतीक माना जाता है।
देश के राष्ट्र ध्वज की खूबियों का जिक्र करते हुए कहा कि सफेद रंग पर बने अशोक चक्र की 24 तीलियों का भी एक विशेष मतलब है, ये तीलियां इंसान के 24 गुणों को दर्शाती हैं। तिरंगे से जुड़ी एक अहम बात ये भी है कि तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तिरंगे के लिए हमारे देश के कई लोग शहीद हुए, उस तिरंगे को एक संगठन ने अपनाने से मना कर दिया। 52 सालों तक नागपुर में अपने मुख्यालय पर तिरंगा नही फहराया। लगातार तिरंगे को अपमानित किया गया और आज उसी संगठन से निकले हुए लोग तिरंगे का इतिहास बता रहे हैं। ‘हर घर तिरंगा’ मुहिम की योजना बना रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि सिर्फ अपने प्रचार में डूबे ये लोग चंद सवालों के जवाब दे दें।
1. 52 सालों तक आरएसएस ने अपने मुख्यालय पर तिरंगा क्यों नहीं फहराया?
2. खादी से राष्ट्रीय ध्वज बनाने वालों की आजीविका को नष्ट क्यों किया जा रहा है?
3. चीन से मशीन निर्मित, पॉलिएस्टर झंडे के आयात की अनुमति क्यों दी गई?

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