उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा मांगने वालों को ललकारा, कहा-मुंह पर आकर बोलो
नई दिल्ली। शिवसेना के विधायकों की बगावत के बीच पहली बार पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बुधवार शाम 06 बजे महाराष्ट्र की जनता से मुखातिब हुए। फेसबुक लाइव के जरिये रूबरू हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपनी सरकार में मंत्री रहे एकनाथ शिंदे सहित सहित सभी बागियों को ललकारते हुए कहा कि मेरा इस्तीफा चाहने वाले ये बात उनके सामने आकर मुंह पर कहें। उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनका इस्तीफा तैयार है।
एकनाथ शिंदे सामने आकर अपनी बात कहें
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि ट्वीटर-ट्वीटर करने वालों नहीं बल्कि वह शिवसैनिकों के प्रति उत्तरदायी हैं। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे सूरत और गुवाहाटी से अपनी बात कह रहे हैं। यहां आकर मेरे सामने क्यों नहीं कहते। सामने नहीं आ सकते तो फोन पर ही मुझसे यह बात कहें। जिन्हें लगता है कि मैं पार्टी चलाने लायक नहीं हूं, वह आएं और सामने आकर बोले मैं पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा। ठाकरे ने कहा, ‘मुझे खुशी होगी यदि कोई शिवसैनिक महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बने’।
हिंदुत्व पर बोलने वाला मैं पहला मुख्यमंत्री
उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना न पहले हिंदुत्व से दूर थी और न आज है। उन्होंने कहा कि मेरी तबीयत खराब होने के चलते मैं लोगों से नहीं मिल रहा था लेकिन अब मैं लोगों से मिल रहा हूं। मैंने पहली कैबिनेट मीटिंग अस्पताल से की थी। शिवसेना कभी हिंदुत्व से दूर नहीं रही और न कभी रहेगी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कहा कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को तैयार हूं बस मेरे सामने आकर बोलिए। उन्होंने यह भी कहा कि मैंने ऐसा क्या किया, जिससे हिंदुत्व चला गया। उद्धव ठाकरे ने दावे के साथ कहा कि हिंदुत्व पर बात करने वाला मैं पहला मुख्यमंत्री हूं।
उद्धव बोले, कुर्सी से चिपके रहने वालों में नहीं हूं
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं जोड़तोड़ करके कुर्सी से चिपके रहने वालों में नहीं हूं। वर्षा भवन से मातोश्री जाने को तैयार हूं। दोनों पद छोड़ने को तैयार हूं। महाराष्ट्र के नाम अपने सम्बोधन में उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने इस्तीफा तैयार कर रखा है। अगर शिवसेना से कोई और मुख्यमंत्री बनता है तो मुझे खुशी होगी। विधायक लोग सामने आकर कहें, मैं तुरंत इस्तीफा दे दूंगा।
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने नहीं जा रहे उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे के इस संबोधन से साफ हो गया है कि फिलहाल वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने नहीं जा रहे हैं। शिवसेना के जिन विधायकों ने महाविकास अघाड़ी सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे के साथ जाकर उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावती तेवर अपनाया हुआ है, उनकी चाल और उन लोगों की पीठ ठोंकने वालों को शिवसेना प्रमुख आसानी से महाराष्ट्र की बागडोर नहीं सौंपने वाले हैं। उद्धव ठाकरे ने अपने इस संबोधन के दौरान उनकी सरकार को संकट में डालने की रणनीति बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस को सीधे-सीधे कुछ नहीं कहा, पर यह साफ कर दिया कि बागी शिवसैनिकों की मुराद इतनी आसानी से पूरी होने वाली नहीं है। हालांकि विरोधी खेमे द्वारा दावा किया जा रहा है कि शिवसेना के 55 विधायकों में से मात्र 18 विधायक ही महाविकास अघाड़ी सरकार के साथ हैं।

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