अपने नेता के आचरण से क्यों नहीं सीखते, पीएम मोदी के मंत्री-नेता भी कभी ऐसा करते नहीं दिखते
नई दिल्ली/लखनऊ। मधुरेन्द्र श्रीवास्तव
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने आचार-व्यवहार से जब-तब कोई ऐसा उदाहरण देशवासियों के सामने जरूर रखते हैं, जिसकी मिसाल आज तक नहीं मिली है। साफ-सफाई को लेकर बेहद संजीदा प्रधानमंत्री मोदी का एक रूप देशवासियों को फिर उस समय देखने को मिला, जब राष्ट्रीय राजधानी में उद्घाटन किए गए टनल का निरीक्षण कर रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को दिल्ली में प्रगति मैदान एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग और पांच अंडरपास का उद्घाटन किया। यह परियोजना प्रगति मैदान पुनर्विकास परियोजना का एक अहम हिस्सा है। पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित इस परियोजना पर 920 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई है। प्रधानमंत्री ने इसके उद्घाटन के दौरान कहा कि इसका उद्देश्य प्रगति मैदान में विकसित किए जा रहे नए विश्व स्तरीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर तक सुगम पहुंच प्रदान करना है, ताकि प्रगति मैदान में होने वाले कार्यक्रमों में आगंतुकों और प्रदर्शकों की भागीदारी आसान बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली को केंद्र सरकार की तरफ से इस आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का बहुत सुंदर उपहार मिला है। ये हमारे इंजीनियरों, हमारे श्रमिक भाई-बहनों का कमाल है कि उन्होंने इस प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करके दिखाया है।
इसी कार्यक्रम में उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री टनल को अकेले देखने के लिए निकल पड़े। टनल के दोनों छोर सुरक्षा के इंतजाम के बीच जब प्रधानमंत्री अंदर निरीक्षण कर रहे थे तो उन्हें एक किनारे प्लास्टिक की पानी की एक खाली बोतल पड़ी दिखी। उन्होंने उसे उठाया और निरीक्षण करते हुए आगे बढ़ गए। बाद में उस खाली बोतल को उन्होंने आगे डस्टबिन के हवाले कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ऐसा करके पूरे देश को साफ-सफाई के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास कराते रहते हैं।
तब भी देश साक्षी बना था सम्मान देने के उस अद्भुत क्षण का
प्रधानमंत्री मोदी का एक रूप देश ने उस समय भी देखा, जब वह अर्द्ध कंुंुभ के दौरान प्रयागराज पहुंचे थे और वहां सफाईकर्मियों के पैर धोने के बाद उसे कपड़े से पोछ कर सभी का आभार जताया था। यही नहीं, काशी विश्वनाथ में भव्य-दिव्य कॉरिडोर के लोकार्पण के मौके पर वहां कार्य करने वाले श्रमिकों के बीच बैठकर न सिर्फ तस्वीर खिंचवाई अपितु उनके साथ भोजन भी किया। गरीब-गुरबों के प्रति बेहद संवेदनशील प्रधानमंत्री मोदी के इस आचरण की सभी सराहना करते हैं किंतु आज तक सत्तारूढ़ पार्टी का कोई मंत्री अथवा भारतीय जनता पार्टी का नेता-कार्यकर्ता इस तरह का व्यवहार प्रदर्शित करता नजर नहीं आया।
प्रधानमंत्री मोदी को फॉलो करने और उनकी शान में कसीदे पढ़ने वाले सिर्फ उनकी पार्टी में ही नहीं, बाहर भी हैं लेकिन सफाईकर्मियों के पैर धोने, उनका माला-अंगवस्त्र पहना कर सम्मान करने का साहस भाजपा का कोई मंत्री और नेता नहीं दिखा सका है। काश ऐसा होता, तो शायद साफ-सफाई की तस्वीर कुछ और होती और मानव को सम्मान देने की प्रधानमंत्री की सोच जमीन पर ठोस आकार लेती नजर आती।


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