भारतीय रसोई में मामूली खर्च में नाश्ता-खाना तैयार कर देगा ‘सूर्य नूतन’

  • सर्दियों और मानसून के मौसम में भी यह इनडोर सोलर कुकिंग सिस्टम सूर्य नूतन आपकी रसोई में तैयार कर देगा चार लोगों के परिवार का दोनों टाइम का भोजन व नाश्ता 
  • केंद्रीय मंत्रियों ने इंडियन ऑयल तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा विकसित सूर्य नूतन इनडोर सोलर कुकिंग सिस्टम का प्रदर्शन देखा

नई दिल्ली। आपकी रसोई के लिए इनडोर सोलर कुकिंग सिस्टम का ‘सूर्य नूतन’ तैयार हो चुका है। जल्द ही यह आपके घर में नाश्ता और भोजन तैयार करने में होने वाले अभी के खर्च को न सिर्फ काफी कम कर देगा बल्कि ऐसी सुविधा मुहैया कराएगा, जिसमें रसोई गैस सिलेंडर पर आपकी निर्भरता खत्म हो जाएगी। इसके लिए आपको अपनी रसाई से बाहर भी नहीं जाना पड़ेगा। यह सिस्टम आपकी रसोई में काम करेगा और इसको ऊर्जा देने की व्यवस्था सूर्य के प्रकाश को ग्रहण वाली जगह से आपका भोजन-नाश्ता तैयार करने में सहायक होगी।

सौर ऊर्जा आधारित यह ‘सूर्य नूतन’ हर मौसम में आपकी रसोई में नाश्ता और भोजन बनाने में सहायक होगा। चाहे सर्दियों का मौसम हो या फिर मानसून का, ‘सूर्य नूतन’ पर आसानी से अपनी रसोई का सारा काम आसानी से निपटा सकेंगे। इंडियन ऑयल तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने इस स्वदेशी सोलर कुक टॉप ‘सूर्य नूतन’ को विकसित किया है। बुधवार को इस सूर्य नूतन सोलर कुक टॉप पर बनाया गया खाना अतिथियों को परोसा गया।

केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी के आवास पर बुधवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह, वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश, आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर, उत्तर प्रदेश के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, इंडियन ऑयल के अध्यक्ष श्रीकांत माधव वैद्य, इंडियन ऑयल के निदेशक आरएंडडी, डॉ. एसएसवी रामकुमार, वरिष्ठ अधिकारियों आदि की उपस्थिति में सूर्य नूतन का प्रदर्शन किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने सन 2017 में इस बाबत कार्य करने को किया था प्रेरित 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 25 सितंबरए 2017 को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधिकारियों को अपने संबोधन में हमारी रसोई को बिजली देने के लिए एक व्यवहार्य सौर समाधान विकसित करने के बारे में चुनौती दी गई थी। प्रधानमंत्री मोदी के प्रेरित करने का नतीजा यह रहा कि इंडियन ऑयल तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने इस स्वदेशी सोलर कुक टॉप ‘सूर्य नूतन’ विकसित करके भारतीय रसोई में ईंधन के खर्च को घटाने का महत्वपूर्ण कार्य करके दिखा दिया है।

सूर्य नूतन की मुख्य विशेषताएं

  • सूर्य नूतन एक स्थान पर स्थापित रिचार्जेबल और रसोई से हमेशा जुड़ी हुई एक इनडोर सोलर कुकिंग प्रणाली है।
  • यह इंडियन ऑयल के अनुसंधान एवं विकास केंद्र फरीदाबाद द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया एक पेटेंट उत्पाद है।
  • यह सूर्य के माध्यम से चार्ज करते समय ऑनलाइन कुकिंग मोड प्रदान करता है जो सिस्टम दक्षता को अधिकतम करता है और सूर्य से ऊर्जा का सर्वाधिक उपयोग सुनिश्चित करता है।
  • यह एक हाइब्रिड मोड पर काम करता है अर्थात सौर और सहायक ऊर्जा स्रोत दोनों पर एक साथ काम कर सकता है, जो सूर्य नूतन को सभी मौसमों के लिए एक विश्वसनीय खाना पकाने का समाधान बनाता है।
  • सूर्य नूतन का इन्सुलेशन डिजाइन विकिरण और प्रवाहकीय गर्मी के नुकसान को कम करता है।
  • सूर्य नूतन तीन अलग.अलग मॉडलों में उपलब्ध है। सूर्य नूतन का प्रीमियम मॉडल नाश्ता, दोपहर का भोजन, रात का खाना यानी चार लोगों के परिवार के लिए पूरा भोजन बना सकता है।
  • प्रारंभ में बेस मॉडल के लिए उत्पाद की लागत लगभग 12,000 रुपये और शीर्ष मॉडल के लिए 23,000 रुपये है। हालांकि आर्थिक लागत में काफी कमी आने की उम्मीद है। यदि इसके टॉप मॉडल के लिए 12,000-14,000 रुपये की लागत आती है और हम कल्पना करें कि एक वर्ष में 6-8 एलपीजी सिलेंडरों की खपत हो तो खरीदार को पहले 1-2 वर्षों में ही इस उत्पाद की लागत वसूल हो जाती है।
  • सूर्य नूतन का उपयोग सभी मौसमों और ऋतुओं में किया जा सकता है, जिसमें सूर्य लंबे समय तक या लगातार उपलब्ध नहीं रहता है, जैसे मानसून और अत्यधिक सर्दी।
  • सूर्य नूतन में किसी भी इनडोर उपकरण के लिए आवश्यक सभी सुरक्षा पहलू अंतर्निहित हैं।
  • सूर्य नूतन एक निम्नतम रखरखाव वाली प्रणाली है और उत्पाद काफी टिकाऊ है।
  • सूर्य नूतन एक मॉड्यूलर प्रणाली है और इसे आवश्यकता के अनुसार विभिन्न आकारों में डिजाइन किया जा सकता है।
  • सूर्य नूतन में हमारी ऊर्जा सुरक्षा के परिदृश्य को बदलने की क्षमता है, क्योंकि भारत वर्तमान में अपनी एलपीजी आवश्यकताओं का 50 प्रतिशत आयात करता है। यह देश में कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को भी काफी कम करता है और हमारे नागरिकों को जीवाश्म ईंधन की अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अत्यधिक उतार-चढ़ाव की चिंता से भी मुक्त रखता है।
  • पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा वर्तमान वैश्विक ऊर्जा संकट में उठाए जा रहे अन्य कई कदमों जिसमें इथेनॉल सम्मिश्रण को 20 प्रतिशत तक बढ़ाना, सतत एसएटीएटी योजना के तहत कंप्रेस्ड बायो.गैस की खरीद मूल्य को 45 रुपये प्रति किलोग्राम से 54 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ाना, अन्वेषण और उत्पादन के तहत क्षेत्र को वर्तमान 7-8 प्रतिशत से 15 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में बढ़ाना और हमारी रिफाइनरियों में ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को जोरदार तरीके से आगे बढ़ाना आदि के साथ-साथ ‘सूर्य नूतन’ शामिल है।

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