अग्निवीरों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन थल सेना में जुलाई से, वायु सेना में 24 जून और नेवी में 25 जून से शुरू होगा

नई दिल्ली। ‘अग्निपथ’ सैन्य भर्ती योजना के तहत सैनिकों को शामिल करने के लिए सेना ने जानकारी सार्वजनिक कर दी है। सोमवार को इस बारे में सेना ने कहा कि अग्निपथ मॉडल के तहत नौकरी के इच्छुक सभी उम्मीदवारों के लिए सेना में भर्ती होने के लिए वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। अग्निवीरों के लिए थल सेना में रजिस्ट्रेशन जुलाई से शुरू होगा। वायु सेना में 24 जून और नेवी में 25 जून से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा। भारतीय सेना के तीनों अंगों में भर्ती के बाबत जल्द ही नोटिफिकेशन जारी किए जाने की बात सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने कही है।

अग्निवीर का भारतीय सेना में होगा अलग रैंक

सेना ने कहा कि ‘अग्निवीर’ भारतीय सेना में एक अलग रैंक बनाएंगे जो कि किसी भी अन्य मौजूदा रैंक से अलग होगा। योजना पर विस्तृत जानकारी देते हुए सेना ने रविवार रात को कहा कि अग्निवीर के लिए आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 के तहत किसी भी अनधिकृत व्यक्ति या स्रोत को चार साल की सेवा अवधि के दौरान प्राप्त विशिष्ट जानकारी का खुलासा करने पर रोक रहेगी।

इसमें कहा गया है कि इस योजना के शुरू होने से चिकित्सा शाखा के तकनीकी काडर को छोड़कर भारतीय सेना के नियमित काडर में सैनिकों की भर्ती केवल उन कर्मियों के लिए उपलब्ध होगी, जिन्होंने अग्निवीर के रूप में अपनी सेवा की अवधि पूरी कर ली है।

दुर्लभ मामलों में ही हो सकेंगे सेवा मुक्त 

सेना ने कहा कि सेवा की शर्तों को पूरा करने से पहले अनुरोध पर किसी अग्निवीर की सेवा से मुक्ति की अनुमति नहीं है। सेना ने कहा कि हालांकि सबसे दुर्लभ मामलों में अगर सक्षम प्राधिकारी द्वारा मंजूरी दी जाती है तो इस योजना के तहत लिए गए कर्मियों को सेवामुक्त किया जा सकता है।

बीती 14 जून को घोषित अग्निपथ योजना में साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के बीच के युवाओं को केवल चार साल के लिए भर्ती करने का प्रावधान है। जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है। हालांकि इसमें अब सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी है। नयी योजना के तहत भर्ती किए जाने वाले कर्मियों को अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा। सेना ने कहा कि नयी भर्तियां सेना अधिनियम, 1950 के प्रावधानों के अधीन होंगी और ये अग्निवीर जमीन, समुद्र या हवा में जहां कहीं भी आदेश दिया जाएगा, वहां जाने के लिए उत्तरदायी होंगे।

अग्निवीर की वर्दी पर लगेगा ‘विशिष्ट प्रतीक चिह्न’ 

अधिसूचना में कहा गया है कि अग्निवीर को सेवा अवधि के दौरान अपनी वर्दी पर एक ‘विशिष्ट प्रतीक चिह्न’ लगाना होगा और इस पर विस्तृत निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे। सेना ने कहा कि संगठनात्मक आवश्यकताओं और नीतियों के आधार पर अग्निवीर को प्रत्येक बैच में उनकी सेवा की अवधि पूरी होने पर नियमित कैडर में नामांकन के लिए आवेदन करने का अवसर प्रदान किया जाएगा।

नियमित किए जाने वाले अग्निवीरों को 15 साल की सेवा और मिलेगी

सेना द्वारा जारी दस्तावेज के अनुसार इन आवेदनों पर सेना वस्तुनिष्ठ मानदंडों के आधार पर केंद्रीकृत तरीके से विचार करेगी। जिसमें सेवा की अवधि के दौरान उनका प्रदर्शन शामिल है और अग्निवीरों के प्रत्येक विशिष्ट बैच के 25 प्रतिशत से अधिक को चार साल सेवा की अवधि पूरी होने के बाद नियमित कैडर में शामिल नहीं किया जाएगा। दस्तावेज के अनुसार नियमित कैडर के रूप में नामांकित अग्निवीरों को 15 साल की एक और अवधि के लिए सेवा करना आवश्यक होगा और वे वर्तमान में प्रचलित सेवा के नियम और शर्तों जूनियर कमीशंड अधिकारी अन्य रैंक के द्वारा शासित होंगे।

नाबालिग के नामांकन पर माता-पिता का हस्ताक्षर होगा

सेना ने कहा है कि अग्निवीरों को उनके चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद फिर से चुने जाने का कोई अधिकार नहीं होगा। भर्ती प्रक्रिया के तहत प्रत्येक अग्निवीर को अग्निपथ योजना के सभी नियमों और शर्तों को औपचारिक रूप से स्वीकार करना होगा। दस्तावेज के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु के कर्मियों के लिए नामांकन प्रपत्र पर माता-पिता या अभिभावकों के हस्ताक्षर की आवश्यकता होगी।

साल में 30 दिन का मिलेगा अवकाश

अग्निवीर नियमित सेवा करने वालों के लिए 90 दिनों के अवकाश की तुलना में वर्ष में 30 दिनों के अवकाश के लिए पात्र होंगे। चिकित्सीय सलाह के आधार पर चिकित्सा अवकाश प्रदान किया जाएगा। सेना ने कहा कि अग्निवीरों के मासिक वेतन का 30 प्रतिशत अनिवार्य रूप से एक कोष में जमा किया जाएगा और उतनी ही राशि का योगदान सरकार करेगी। चार साल की सर्विस के बाद यह सेवा निधि उन्हें दी जाएगी।

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