राजस्थान के मुख्यमंत्री के भाई सहित 15 पर सीबीआई ने दर्ज किया केस, 16 जगहों पर मारे छापे, भड़के अशोक गहलोत बोले-दिल्ली में उनकी सक्रियता का लिया जा रहा है बदला

नई दिल्ली। किसानों के लिए खाद के निर्यात और इस पर मिलने वाली सब्सिडी में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में राजस्थान के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत और 14 अन्य के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है। शुक्रवार को सीबीआई ने अग्रसेन गहलोत के जोधपुर स्थित आवास एवं तीन राज्यों में 16 अन्य परिसरों पर छापेमारी भी की। 

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एफआईआर में अग्रसेन गहलोत समेत 15 व्यक्तियों और कंपनियों को आरोपी बनाया है। सीबीआई के 60 से अधिक अधिकारियों ने मामले में गुजरात, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में 17 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। इससे पहले सन 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ईडी की टीम ने भी अग्रसेन गहलोत के यहां छापेमारी की थी। 17 जून को सीबीआई के अधिकारियों का एक दल छापेमारी के लिए जोधपुर के मंडोर में अग्रसेन गहलोत के आवास पर भी पहुंचा।

सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि अगर एजेंसी को मामले से संबंधित कोई नई सामग्री मिलती है तो छापेमारी अभियान का विस्तार किया जा सकता है। अधिकारियों के मुताबिक यह मामला पोटाश म्यूरेट एमओपी के आयात में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है, जिसे पोटेशियम क्लोराइड भी कहा जाता है। इसे सरकार द्वारा दी जाने वाली लगभग 80 प्रतिशत सब्सिडी पर किसानों को वितरित किया जाना था।

यह है आरोप 

आरोप है कि सन 2007-09 के बीच किसानों के लिए मंगाए गए इस पोटाश म्यूरेट का निर्यात दक्षिण पूर्व एशियाई देशों सऊदी अरब और अन्य बाजारों में औद्योगिक सॉल्ट के रूप में किया गया था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि खाद पर सरकारी सब्सिडी भी संबंधित कंपनियों के बीच फर्जी लेन-देन के माध्यम से आरोपियों को मिली।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, छापेमारी से नहीं घबराते 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने भाई अग्रसेन गहलोत के घर पर सीबीआई की छापेमारी पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे वे घबराने वाले नहीं हैं। इस तरह की कार्रवाई का नुकसान अंततः भाजपा और केंद्र सरकार को ही होगा। अशोक गहलोत ने कहा कि दिल्ली में उनकी हालिया सक्रियता का बदला केंद्र सरकार उनके भाई के खिलाफ छापेमारी करके ले रही है। उन्होंने बताया कि अन्य स्थानों पर भी छापेमारी की जा रही है।

दिल्ली से राजस्थान लौटने पर मुख्यमंत्री गहलोत ने मीडिया से कहा कि मैं अगर दिल्ली में सक्रिय हूं या मैंने राहुल गांधी के आंदोलन में भाग लिया तो इसका बदला मेरे भाई से क्यों लिया जाता है। यहां हमारी सरकार पर संकट साल 2020 में भी आया, तब भी भाई के यहां ईडी की छापेमारी हुई। उन्होंने कहा कि इसे उचित नहीं कहा जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके भाई का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने सरकार के रवैये को समझ से परे बताते हुए कहा कि पहले ईडी से छापेमारी कराई गई और अब सीबीआई से छापेमारी से करा रहे हैं।

गहलोत ने कहा कि उन्होंने तो हाल ही में सीबीआई निदेशक, ईडी के निदेशक व आयकर विभाग के चेयरमैन से मिलने का समय मांगा था। 13 जून को समय मांगा, 15 को मुकदमा दर्ज हुआ और 17 जून को छापे पड़ गए। यह क्या रवैया है


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