सोशल मीडिया के जरिये अवैध हथियारों को खरीदने-बेचने वाला गिरोह गिरफ्तार
- बहादुरगढ़ एसटीएफ ने करनाल के तरावड़ी और कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी एरिया से 06 आरोपी गिरफ्तार किए, कंट्रीमेड 08 अवैध पिस्टल व 02 जिंदा कारतूस बरामद
- मध्य प्रदेश के मनावर से हथियार लाकर हरियाणा में बेचते थे, हरियाणा के लोहारू का निवासी विकास सांगवान है हाईटेक गिरोह का मास्टर माइंड
नई दिल्ली। इंस्टाग्राम और फेसबुक के जरिये अवैध हथियारों का धंधा करने वाले गिरोह को एसटीएफ ने दबोचा है। मध्य प्रदेश से हथियार लाकर हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में सप्लाई करने वाले इस गिरोह के सरगना दमकौर गांव लोहारू निवासी विकास सांगवान सहित 06 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इंस्पेक्टर विवेक मलिक की सुपरविजन में काम कर रही टीमों ने इनको गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के सभी बदमाशों को आगे की जांच के लिए तरावड़ी एवं कुरुक्षेत्र पुलिस के सुपुर्द कर दिया है। अब छानबीन वहां की पुलिस टीमें करेंगी।
एसटीएफ की टीम ने इनकी गिरफ्तारी करनाल के तरावड़ी एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के नजदीकी क्षेत्रों से की है। गिरफ्तार आरोपियों में सरगना विकास सांगवान, हिसार निवासी आशू उर्फ स्वीगी व विकास राजपूत सहित कुरुक्षेत्र निवासी मनिंदर, करनाल निवासी गुरकीरत और नवजीत शामिल हैं। इनके पास से 08 अवैध पिस्टल के साथ 02 जिंदा कार्टेज भी बरामद हुए हैं।
हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स के चीफ आईपीएस अफसर बी सतीश बालन के रडार पर अवैध हथियारों के कारोबार से जुड़े लोग भी हैं। सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक एसटीएफ बहादुरगढ़ इंचार्ज इंस्पेक्टर विवेक मलिक को एक सीक्रेट इन्फॉर्मेशन मिली थी। जिस पर एसटीएफ की 02 स्पेशल टीमों को काम पर लगाया गया। इंस्पेक्टर मलिक की देखरेख में एक टीम तरावड़ी क्षेत्र में तो दूसरी टीम कुरुक्षेत्र में पहुंची। एक टीम ने तरावड़ी क्षेत्र से विकास सांगवान, गुरकीरत एवं नवजीत को 04 अवैध पिस्टल व 02 कारतूसों के साथ दबोचा, जबकि दूसरी टीम ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के नजदीक से विकास राजपूत, आशू उर्फ स्वीगी व मनिंदर को गिरफ्तार किया। इनके पास से 04 अवैध पिस्टल बरामद किए गए।
होटल नहीं चला तो करने लगा अपराध
जांच में पता चला कि विकास सांगवान ने पूर्व में हिसार में एक होटल चलाने का काम किया था लेकिन उसमें सफल नहीं होने और जल्द से जल्द पैसे कमाने की चाहत उसे गलत रास्ते पर ले गयी। विकास सांगवान के खिलाफ आर्म्स एक्ट से लेकर गिरोहबंदी और हत्या के प्रयास जैसे करीब आधा दर्जन केस गुजरात, हरियाणा और राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्रों में दर्ज हैं।
सोशल मीडिया से सप्लायर और कस्टमर तक पहुंचते थे आरोपी
इन आरोपियों ने मध्य प्रदेश से अवैध हथियार खरीद कर हरियाणा में बेचने का धंधा शुरू किया। इस काम को हाईटेक तरीके से अंजाम देने की योजना बनाई गई। इसमें इंस्टाग्राम और फेसबुक का सहारा लेते हुए सप्लायर और कस्टमर तक पहुंच बनाई गई, ताकि पुलिस की निगाह में आने से बचा जा सके। अपराधियों को सोशल मीडिया पर भी खंगाल रही एसटीएफ ने एक गुप्त जानकारी के आधार पर इन लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

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