मायावती ने कहा नहीं लड़ेंगे रामपुर का उपचुनाव, आजमगढ़ लोकसभा सीट पर झोंकेगी पूरी ताकत
- आजमगढ़ लोकसभा सीट के उपचुनाव के लिए गुड्डू जमाली हैं बीएसपी के प्रत्याशी
लखनऊ। यूपी में लोकसभा की रिक्त हुई दो सीटों में एक आजमगढ़ पर बहुजन समाज पार्टी पूरा जोर लगाएगी। बीएसपी रामपुर की लोकसभा सीट के उपचुनाव से दूर रहेगी। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा सीट के उपचुनाव को जीतने की रणनीति के साथ पार्टी को जुट जाने के निर्देश दिए हैं। बीएसपी इस सीट के उपचुनाव के लिए अपने पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को पहले ही चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा कर चुकी है। मायावती के इस दांव ने आजमगढ़ सीट के उपचुनाव को दिलचस्प बना दिया है।
मार्च में हुए यूपी के विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने गुड्डू जमाली को टिकट नहीं दिया था। बीएसपी के पूर्व विधायक गुड्डू जमाली का अपने यहां काम करने वाली एक महिला के आरोपों की वजह से बहुजन समाज पार्टी से टिकट कट गया था। इसके बाद गुड्डू जमाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन एआईएमआईएम के टिकट पर विधानसभा चुनाव में उतरे। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर सीट से चुनाव लड़कर उन्होंने 36,419 वोट हासिल किए थे। इसे गुड्डू जमाली की व्यक्तिगत पकड़ बताया गया था। इसी के कुछ दिन गुड्डू जमाली बीएसपी में वापस आ गए और मायावती ने तभी उन्हें आजमगढ़ लोकसभा सीट के उपचुनाव के लिए पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर दिया था।
रामपुर के उपचुनाव में बीएसपी किसी को भी नहीं देगी समर्थन
लखनऊ में बीएसपी यूपी यूनिट की शनिवार-रविवार को हुई दो दिवसीय ज़िला व मंडल स्तरीय समीक्षा बैठकों के बाद मायावती ने उपचुनाव को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है। बीएसपी की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि पार्टी ने यूपी में 23 जून को होने वाले दो लोकसभा उपचुनाव मंे से एक सीट आजमगढ़ को पूरी दमखम के साथ लड़ने का फैसला लिया है। दूसरी रामपुर लोकसभा की सीट पर पार्टी यह उपचुनाव नहीं लड़ेगी, क्योंकि इस सीट को अभी और मजबूत बनाने की जरूरत पार्टी महसूस करती है। मायावती का कहना है कि सन 2024 लोकसभा के आमचुनाव में बीएसपी रामपुर से जरूर चुनाव लड़ेगी। फिलहाल इस उपचुनाव में बीएसपी इस सीट पर किसी भी पार्टी को अपना समर्थन नहीं देगी।
राजधानी में 28-29 मई को हुई बैठक में बीएसपी सुप्रीमा मायावती ने विधानसभा चुनाव के बाद के पिछले लगभग दो महीने के दौरान दी गई जिम्मेदारियों के बारे में समीक्षा की। मंडलवार समीक्षा के दौरान पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ-साथ जिलाध्यक्षों व अन्य जिम्मेदार लोगों से यह जाना गया कि 11 मार्च व 27 मार्च 2022 को दिए गए नये दिशा-निर्देशों पर कितना अमल किया गया। मायावती ने भविष्य की नई जिम्मेदारियों को भी सौंपा।

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें