जयंत चौधरी भी जाएंगे राज्यसभा, कपिल सिब्बल भी सपा के सहयोग से राज्यसभा में पहुंचेंगे

 


लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को सपा गठबंधन के प्रमुख सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल को लेकर बड़ा फैसला किया। उन्होंने रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के राज्यसभा में जाने, नहीं जाने को लेकर जारी सस्पेंस को खत्म करते हुए साफ किया कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पौत्र इस बार दिल्ली में उच्च सदन में बैठेंगे। 

बुधवार को सपा के सहयोग से राज्यसभा में जाने के लिए बतौर निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व केंद्रीय कपिल सिब्बल ने भी लखनऊ में नामांकन पत्र दाखिल किया था। सिब्बल का कहना है कि वह बीती 16 मई को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं।  

समाजवादी पार्टी की तरफ से 26 मई को राज्यसभा चुनाव में सपा गठबंधन का संयुक्त प्रत्याशी जयंत चौधरी को बनाए जाने के बारे में जानकारी सार्वजनिक की गई। सपा की तरफ से नाम का ऐलान होने के बाद जयंत चौधरी ने ट्वीट किया, ‘विश्वास के साथ आगे बढ़ेंगे, नौजवान, कमेरा, किसान के सम्मान में।’

सपा गठबंधन के पास इतने विधायक 

यूपी की 18वीं में विधानसभा में समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगी दलों के विधायकों की संख्या 125 है। मार्च में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के 111, सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 06 व राष्ट्रीय लोकदल के 08 विधायक चुनाव जीते हैं।

अपने विधायकों की संख्या के बल पर सपा गठबंधन के 03 नेताओं को राज्यसभा में भेज सकता है। बुधवार 25 मई को सपा ने अपने समर्थन से पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल को बतौर निर्दलीय प्रत्याशी राज्यसभा में भेजने के लिए नामांकन करवा दिया है। बची 02 सीटों में से एक सीट से सपा अपने दल के जावेद अली खान को राज्यसभा में भेज रही है। अब सहयोगी दल रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के नाम का भी ऐलान राज्यसभा में भेजे जाने के लिए कर दिया गया है।

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